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बेटी पैदा होने पर पति ने फोन पर ही दे दिया तलाक, तलाक, तलाक...

राजस्थान के जैसलमेर की रहने वाली नगीना के पति अब्दुल गफ्फार ने फोन पर ही तीन बार तलाक बोलकर हमेशा के लिए उससे नाता तोड़ लिया. नगीना के मुताबिक, उसका कसूर बस इतना था कि उसने बेटी को जन्म दिया था, जिससे नाराज होकर जोधपुर में बैठे उसके पति ने उसे कम दहेज लाने का कसूरवार ठहराया और वहीं से उसे तलाक दे दिया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
शरत कुमार
  • जैसलमेर,
  • 21 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:22 AM IST

राजस्थान के जैसलमेर की रहने वाली नगीना के पति अब्दुल गफ्फार ने फोन पर ही तीन बार तलाक बोलकर हमेशा के लिए उससे नाता तोड़ लिया. नगीना के मुताबिक, उसका कसूर बस इतना था कि उसने बेटी को जन्म दिया था, जिससे नाराज होकर जोधपुर में बैठे उसके पति ने उसे कम दहेज लाने का कसूरवार ठहराया और वहीं से उसे तलाक दे दिया.

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पति की इस हरकत से दुखी यह पीड़िता अब न्याय के लिए अपने परिजनों के साथ महिला थाना और महिला आयोग के दरवाजे पहुंची. जैसलमेर महिला आयोग की अध्यक्ष सुधा व्यास ने उससे पूरी सहानभुति जताते हुए कार्यवाही शुरू कर दी.

नगीना के गरीब मां-बाप ने जोधपुर स्थित पाल रोड निवासी अब्दुल सत्तार चड़वा के बेटे अब्दुल गफ्फार से उसका निकाह कराया था. नगीना का कहना है कि शादी के बाद से ही उसका पति और ससुराल वाले दहेज को लेकर उसके साथ मारपीट करते थे. वह पिछले दो सालों से ससुराल की प्रताड़ना सहती रही. इस दौरान उसने दो बच्चियों को भी जन्म दिया, लेकिन उनकी मौत हो गई. इस बार गर्भवति होने पर उसका पति और ससुराल वाले बेटे की आस लगाए हुए थे, लेकिन बेटी का जन्म हुआ तो उसके पति ने तलाक दे दिया.

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नगीना का कहना है कि न्याय की गुहार के लिए जब वह महिला थाने और महिला आयोग के पास पहुंची, तो उसके पति ने उसे और उसके परिवार वालों की जान लेने तक की धमकी देना लगा.

इस बारे में पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि पीड़िता द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद दहेज प्रताड़ना और मारपीट का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. वहीं जहां तक तीन बार तलाक लेने की बात है, तो यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. पुलिस के पास इस संबंध में कोई कानून नहीं, जिसमें वे तीन तलाक के मामले में कोई कार्रवाई कर सकें. इसके साथ ही उन्होंने कहा, दहेज प्रताड़ना और मारपीट आदि की शिकायत पर उसके पति के खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं.

वहीं जैसलमेर महिला आयोग की अध्यक्ष सुधा पुरोहित ने बताया कि पीड़िता नगीना और उसके माता पिता आयोग आए थे. उन लोगों ने पति के साथ हुई रिकॉर्डेड बातचीत उनको सौंपा. पीड़िता ने उन्हें बताया कि उसके ससुराल वाले दहेज को लेकर पिछले 1 साल से उस पर अत्याचार कर रहे थे और बेटी होने के कारण मारपीट व उलाहने दे रहे थे. इस संबंध में जोधपुर के प्रतापनगर थाने में मामला दर्ज हुआ था, बाद में ससुराल वालों ने समझा बुझा कर पीड़िता के साथ समझौता कर दिया. अब उन्होंने उससे तलाक ले लिया है. राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि वह पीड़िता को न्याय दिला कर रहेंगी.

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बेटी के साथ हुए इस अत्याचार से नगीना के माता-पिता का भी रो रोकर बुरा हाल है. नगीना की मां कहती हैं कि उनके पिता को पिछले लंबे समय से अल्सर की बीमारी है, जिसका पहले इलाज चल रहा था. लेकिन बेटी के ससुराल वालों की तरफ से दहेज की नाजायज मांगों के चलते उनके पति ने अपना इलाज बंद कराकर दामाद की ख्वाहिशें पूरी करने में लग गए. लेकिन समय के साथ दामाद की मांग बढ़ती गई, जिसे पूरा करने में उन्होंने असमर्थता जताई, तो उन लोगों ने नगीना को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और अब लड़की पैदा होने पर उनकी बेटी और नातिन को घर से निकाल दिया.

अपनी बेटी के दुख से परेशान इस गरीब मां-बाप की आस अब सरकार पर टिकी है कि वे उनकी बेटी और नातिन को उनका हक दिलाएंगे.

 

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