
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार विपक्ष ही नहीं बल्कि अपनों का भी सामना कर रही है. जयपुर की मेयर सौम्या गुर्जर को हटाने के मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह चौटाला और परिवहन मंत्री प्रताप सीखाचीरवासा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सवाल उठाए थे. इसके बाद देर रात सरकार की ओर से एक जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें दावा किया गया कि मेयर ने कमिश्नर के साथ अभद्रता की थी.
दरअसल, पिछले दिनों शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर और बीजेपी के तीन पार्षदों पारस जैन, अजय चौहान और शंकर शर्मा को निलंबित कर दिया था. मेयर समेत पार्षदों को कमिश्नर के साथ बदसलूकी करने के आरोप में निलंबित किया गया था. इसके बाद सियासी पारा बढ़ गया था. बीजेपी ने तो घेरा ही, कांग्रेस ने भी गहलोत सरकार के इस कदम को बेवजह का बताया.
जयपुर की मेयर समेत 3 BJP पार्षद निलंबित, सौम्या गुर्जर बोलीं- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह चौटाला ने इसे बेवजह का कदम बताया था तो परिवहन मंत्री ने इसे जल्दबाजी भरा कदम करार दिया था. अपने प्रदेश अध्यक्ष की असहमति सुनने के बाद राजस्थान सरकार ने आनन-फानन में देर रात जांच रिपोर्ट जारी की, जिसमें सौम्या गुर्जर को दोषी बताया गया है. राजस्थान सरकार ने कहा कि जांच अधिकारी की ओर से 17 पन्नों की रिपोर्ट में साफ है कि नगर निगम कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ मारपीट की गई.
इस जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव कलेक्ट्रेट में एक मीटिंग में जाने के लिए निकल रहे थे, लेकिन बीजेपी पार्षदों ने उन्हें मेयर के कक्ष से बाहर आने से रोक दिया. कमिश्नर के बार-बार समझाने के बाद भी पार्षद उन्हें जाने नहीं दे रहे थे. उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गई और ये सब मेयर की मौजूदगी में हुआ. होमगार्ड रामसिंह ने कमिश्नर के साथ मारपीट की पुष्टि की है. साथ ही एडिशनल कमिश्नर बृजेश चंदौलिया के बयान को भी अहम माना गया है.