Advertisement

अमित शाह पर पायलट का पलटवार- राजस्थान रावण की लंका नहीं, जहां अंगद पांव जमा ले

सचिन पायलट जातिगत रैलियों के बहाने कांग्रेस को आदिवासी और ओबीसी समाज से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि अमित शाह भी इसी फार्मूले पर राजस्थान में राजनीति कर रहे हैं

सचिन पायलट सचिन पायलट
वरुण शैलेश/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:23 AM IST

राजस्थान में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं सियासी पार्टियों के आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज होता जा रहा है. सचिन पायलट ने अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा है कि राजस्थान न तो पाप की धरती है और न ही रावण की लंका है, जहां अंगद का पांव जम जाए. राजस्थान वीरों की भूमि है. ऋषि-मुनियों की पवित्र धरती है.

Advertisement

पायलट अमित शाह के उस बयान का जवाब दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि राजस्थान में बीजेपी अंगद की पांव की तरह जमी हुई है. सचिन पायलट ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2018 की कैग रिपोर्ट को सदन में नहीं रखा जा रहा है क्योंकि उसमें फसल बीमा को लेकर बड़े घोटाला का जिक्र है. केवल 2 जिलों में एक करोड़ 8 लाख का घोटाला हुआ है. अगर सभी 33 जिलों का निकाल लिया जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी.

पायलट जातिगत रैलियों के बहाने कांग्रेस को आदिवासी और ओबीसी समाज से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि अमित शाह भी इसी फार्मूले पर राजस्थान में राजनीति कर रहे हैं. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपनी सभाओं में जनजाति और ओबीसी के लोगों के लिए अलग-अलग सभाएं रख रहे हैं. उधर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि एक तरफ राज्य के 10 से ज्यादा जिले सूखे से परेशान हैं तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री गौरव यात्रा में निकालने में व्यस्त हैं. अकाल प्रभावित जिलों में लोगों को रोजगार की व्यवस्था की जाए.

Advertisement

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर संभाग की यात्रा में लगी हुई हैं. जयपुर संभाग की यात्रा में शेखावटी में अलग-अलग सभाओं को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि वह झूठे वादे नहीं करती और ख्वाब नहीं दिखाती हैं. हमने असलियत में राजस्थान की धरती पर विकास को उतारा है और उसकी तस्वीर दिखाने में आई हूं.

वसुंधरा राजे अपनी सभाओं में यह बताने की कोशिश कर रही हैं कि उनके बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है कि कोई काम नहीं हुआ है. शेखावटी में खास करके वसुंधरा राजे किसानों के कर्ज माफी को मुद्दा बना रही हैं क्योंकि किसान आंदोलन का गढ़ शेखावटी ही रहा है. शेखावटी के आंदोलन की वजह से ही राजस्थान सरकार पर किसानों की कर्ज माफी का दबाव बढ़ा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement