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पहलू खान मॉब लिंचिंग: किरकिरी के बाद राजस्थान सरकार ने SIT को सौंपी जांच

प्रियंका गांधी की ओर से पहलू खान में ट्वीट किए जाने के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आई. सरकार ने आरोपियों के बरी होने की फाइल मंगवाकर विधि विभाग से हाईकोर्ट में अपील करने की अनुशंसा कर भिजवा दी है. पहलू के बेटे ने एसआईटी के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न्याय की उम्मीद बंधी है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटोः ANI) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फोटोः ANI)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 17 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 10:03 AM IST

  • छठी बार होगी जांच, 15 दिन में रिपोर्ट देगी SIT
  • पहलू खान के बेटे ने कहा, बंधी इंसाफ की आस
  • सीबीसीआईडी भी कर चुकी है मामले की जांच

मॉब लिंचिंग में पहलू खान की हत्या के मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर हुई किरकिरी के बाद राजस्थान सरकार ने एक बार फिर इसकी जांच कराने का ऐलान कर दिया है. राजस्थान सरकार ने इस बार जांच के लिए एसआईटी गठित करने की घोषणा की है.

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मृतक पहलू खान को न्याय मिला हो या न मिला हो, लेकिन राजस्थान सरकार ने इस मामले में जांच का नया रिकॉर्ड जरूर बना दिया है. हालांकि पहलू खान के बेटे ने एसआईटी के गठन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न्याय की उम्मीद बंधी है.

इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट 15 दिन में राज्य सरकार को सौंप देगी. एसआईटी का प्रमुख स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के डीआईजी नितिन देव को बनाया गया है, जबकि राज्य के एडीजी क्राइम बीएल सोनी जांच पर नजर रखेंगे. एसआईटी में सीबीसीआईडी के एसपी समीर कुमार सिंह भी हैं. एसआईटी मुख्य रूप से पहलू खान मॉब लिंचिंग केस की जांच में खामियों और मिलीभगत कर आरोपियों के बचाने वाले अधिकारियों की पहचान करेगी.

एसआईटी जुटाएगी साक्ष्य

एसआईटी मामले की पड़ताल में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित करने के साथ ही मौखिक और कागजी साक्ष्य भी एकत्रित करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले को लेकर देर रात तक मुख्यमंत्री सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक करते रहे.

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प्रियंका गांधी के ट्वीट से हरकत में आई सरकार

प्रियंका गांधी द्वारा पहलू खान के मामले में ट्वीट किए जाने के बाद राजस्थान सरकार हरकत में आई. सरकार ने आरोपियों के बरी होने की फाइल मंगवाकर विधि विभाग से हाईकोर्ट में अपील करने की अनुशंसा कर भिजवा दी है. सोमवार को  कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील भी की जाएगी.

इंस्पेक्टर से लेकर एएसपी कर चुके हैं जांच

पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले की जांच पहले इंस्पेक्टर रमेश सिनसिनवार कर रहे थे. जब उन पर मामले में पैसे लेकर आरोपियों के छोड़ने के आरोप लगे तो जांच डिप्टी एसपी परमाल सिंह गुर्जर को दे दी गई. डिप्टी एसपी पर भी आरोप लगे तो जांच एडिशनल एसपी रामस्वरूप शर्मा को सौंपी गई. रामस्वरूप शर्मा के बाद सरकार ने मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी.

सीबीसीआईडी की जांच भी जांच के दायरे में

सीबीसीआईडी मामले की जांच कर ही रही थी, तब तक सीबीसीआईडी द्वारा मृतक पहलू को भी आरोपी बनाकर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की बात सामने आ गई. इसके बाद कांग्रेस की गहलोत सरकार ने आनन-फानन में एक और जांच के आदेश दिए जो पहलू खान की मौत के मामले में पांच बिंदुओं पर आधारित थी. इनमें यह भी शामिल है कि पहलू खान को आरोपी बनाकर किस तरह से चार्जशीट में शामिल किया गया?

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