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Rajasthan Panchayat Election: किसानों के गढ़ में बीजेपी का सूपड़ा साफ, कांग्रेस को भी कड़ा संदेश

राजस्थान में पंचायती राज चुनावों (Rajasthan panchayat chunav) के नतीजों के बाद दोनों कांग्रेस और भाजपा अपना-अपना ढोल बजाने में लगे हुए हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस ने नतीजों को उत्साहजनक बताया तो वहीं भाजपा ने दूसरी तरफ कहा कि राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में किसी विपक्षी दल का पंचायती राज चुनाव में यह शानदार प्रदर्शन है.

राजस्थान पंचायत चुनाव के नतीजे आए ( सांकेतिक फोटो) राजस्थान पंचायत चुनाव के नतीजे आए ( सांकेतिक फोटो)
देव अंकुर/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 22 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST
  • किसानों के गढ़ में बीजेपी का सूपड़ा साफ
  • कांग्रेस को भी जनता ने दिया कड़ा संदेश
  • निर्दलियों और बसपा ने भी किया अच्छा प्रदर्शन

राजस्थान में पंचायती राज चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस और भाजपा अपना-अपना ढोल बजाने में लगे हुए हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस ने नतीजों को उत्साहजनक बताया तो वहीं भाजपा ने दूसरी तरफ कहा कि राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में किसी विपक्षी दल का पंचायती राज चुनाव में यह शानदार प्रदर्शन है.

राज्य चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार को जारी किए गए नतीजों के मुताबिक, प्रदेश के 4 जिलों (कोटा, गंगानगर और करौली शामिल) में हुए पंचायती राज चुनावों में कांग्रेस ने 278 सीटों पर जीत हासिल की जबकि भाजपा ने 165 सीटों पर जीत हासिल की. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों ने 97 सीटों पर, बसपा ने 14 सीटों पर और सीपीआई(एम) ने 13 सीटों पर जीत हासिल की.

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क्या कहते हैं पंचायत चुनाव के नतीजे?

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि 4 जिलों के पंचायतीराज चुनावों के नतीजे हमारे लिए उत्साहजनक हैं. 30 में से 20 से अधिक पंचायत समितियों में कांग्रेस अपना प्रधान बनाने जा रही है. यह जीत जनता के कांग्रेस पार्टी और सरकार के सुशासन में विश्वास की जीत है. इसके लिए सभी मतदाताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत धन्यवाद और बधाई.

प्रदेश में हुए जिला परिषद के चुनाव के नतीजे भी मंगलवार को जारी किए गए जिसके मुताबिक कांग्रेस ने 62 सीटों पर जीत हासिल की और भाजपा ने 36 सीटों पर जीत हासिल की. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों ने 5 जीत हासिल की, सीपीआई(एम) ने 2 पर और बसपा ने 1 सीट पर जीत हासिल की.

बीजेपी ने क्या कहा?

राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि राजनीतिक इतिहास में किसी विपक्षी दल का पंचायतीराज चुनाव में यह शानदार प्रदर्शन है, जनविरोधी कांग्रेस सरकार को जनता ने बड़ा सबक सिखाया है. प्रदेश के कुल 33 में से 17 जिला प्रमुख भाजपा के हैं और अब कोटा संभाग में दो बोर्ड बनने से भाजपा के 19 जिला प्रमुख हो जाएंगे.

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वे आगे कहते हैं कि अब तक के सभी चरणों के पंचायतीराज चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ हैं, पंचायत समिति नतीजों में भी भाजपा और निर्दलीय सदस्यों की संख्या मिलाकर कांग्रेस से ज्यादा है, इससे स्पष्ट है कि जनता ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मैंडेट दिया है.

किसान आंदोलन का बीजेपी के प्रदर्शन पर असर?

वैसे अलग अलग-अलग सीटों के लिहाज से देखें तो किसान बहुल इलाकों में बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. किसान आंदोलन के गढ़ रहे श्री गंगानगर ज़िले में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में BJP का सूपड़ा साफ़ हो गया है. वहीं हाड़ौती में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला BJP को जिताने में क़ामयाब रहे.

इसके अलावा हाड़ौती के कोटा और बारां में BJP ने जिला परिषद ने अपना बोर्ड बनाया है तो श्री गंगानगर और करौली में कांग्रेस का बोर्ड बना है. कोटा में 23 ज़िला परिषद में 13 बीजेपी तो 10 कांग्रेस जीती है. श्री गंगानगर में किसान आंदोलन की वजह से सातों पंचायत समिति में बीजेपी बुरी तरह से हारी है. कांग्रेस को सत्ता में लाने वाली पूर्वी राजस्थान के करौली ज़िले में पंचायत समिति में 66 सीटों पर कांग्रेस तो 61 सीटों पर निर्दलीय जीते हैं , बीजेपी को 43 सीटें मिली हैं. 11 सीटों पर बीएसपी जीती है. 
 

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