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राजस्थान में अभी नहीं बना सुलह का फॉर्मूला? टल सकता है माकन का दौरा और मंत्रिमंडल विस्तार

राजस्थान (Rajasthan) की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच का विवाद सुलझाना कांग्रेस (Congress) आलाकमान के लिए आसान साबित नहीं हो रहा है.

क्या फिर वापसी करेगा पायलट गुट? क्या फिर वापसी करेगा पायलट गुट?
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 27 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 9:47 AM IST
  • राजस्थान में फिर टलेगा मंत्रिमंडल विस्तार
  • अभी तक नहीं बन पाया सुलह का फॉर्मूला

राजस्थान (Rajasthan) की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच का विवाद सुलझाना कांग्रेस (Congress) आलाकमान के लिए आसान साबित नहीं हो रहा है. राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने कहा था कि 28-29 को वह जयपुर आकर विधायकों से रायशुमारी करेंगे और विधायकों को भी जयपुर में रहने के लिए कहा गया था.

मगर सूत्रों के अनुसार, अजय माकन (Ajay Maken) का दौरा फिलहाल टल सकता है. विधायकों को अब तक जयपुर आने के लिए नहीं कहा गया है.

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पहले कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने सुलह का फॉर्मूला निकाल लिया है. मगर सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अब कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से बातचीत के बाद ही किसी फ़ॉर्मूले पर सहमति जताएंगे.

पायलट खेमे से बनेंगे 6 मंत्री?

इस बीच राजस्थान सरकार में मंत्रियों के बीच उहापोह की स्थिति बनी हुई है. सचिन पायलट खेमे के कितने मंत्री बनाए जाएंगे और कौन-कौन बनाए जाएंगे, इसे लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फ़ैसला करना है. हालांकि, कहा जा रहा है कि सचिन पायलट ने 6 विधायकों के नाम दिए हैं जिसपर अशोक गहलोत ने अभी तक सहमति नहीं दी है.

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छुट्टी होने वाले ज़्यादातर मंत्रियों में उन नामों की चर्चा है जिन्हें सचिन पायलट ने मंत्री बनवाया था. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, प्रमोद जैन भाया, उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी, वनमंत्री सुखराम विश्नोई और राज्यमंत्री भजनलाल जाटव जैसे पायलट कोटे के मंत्रियों की जगह पायलट कोटे से नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मंत्री पद से हटाया जा सकता है. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो कह रहे हैं कि वो दो-चार दिन के मेहमान हैं. 

जबकि सचिन पायलट विवाद के समय मुख्य रणनीतिकार रहे स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कद गहलोत मंत्रिमंडल में बढ़ सकता है. BJP के गढ़ सहारा उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले रघु शर्मा को कैबिनेट में प्रमोशन मिल सकता है. वैसे रघु शर्मा, सचिन पायलट और अशोक गहलोत के कोटे से मंत्री नहीं बनाए थे बल्कि गांधी परिवार के कोटे से मंत्री बने थे. 

उधर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ख़ाचरियावास के बदलने की भी चर्चा जोरों पर थी. जिसे राजस्थान सरकार के सूत्रों ने ख़ारिज किया है. प्रताप सिंह ख़ाचारियावास ने विवाद के दौरान सचिन पायलट खेमे पर आक्रामक रुख अपनाया था, लेकिन अब उनको लेकर संशय बना हुआ है. 

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कौन बन सकता है मंत्री?

पायलट कोटे में सबसे ऊपर दीपेंद्र सिंह शेखावत, बृजेन्द्र ओला और मुरारीलाल मीणा का नाम आगे चल रहा है. निर्दलियों में संयम लोढ़ा का नंबर लग सकता है जबकि बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वालों में राजेंद्र गुढामंत्री बनाए जा सकते हैं. नवलगढ़ से आने वाले विधायक राजकुमार शर्मा का भी नंबर मंत्री बनने में लग सकता है.

इनके अलावा मेघवाल समाज के कद्दावर नेता मास्टर भंवरलाल मेघवाल की मृत्यु के बाद मेघवाल समाज के गोविंद मेघवाल मंत्री बनाए जा सकते हैं. महिला के नाम पर गुर्जर समाज से आने वाली शकुंतला रावत मंत्री बनाई जा सकती हैं.

हालांकि, मंत्रियों के नामों को लेकर माथापच्ची तो चल ही रही है मगर कहा जा रहा है कि असली पेंच फंसा हुआ है कि सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बारे में कांग्रेस आलाकमान से वादा लेना चाहते हैं कि सचिन पायलट राजस्थान के बाहर की राजनीति में सक्रिय रहेंगे जबकि सचिन पायलट राजस्थान की राजनीति छोड़ना नहीं चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार, सचिन पायलट कांग्रेस महासचिव बनने में इच्छुक नहीं हैं. 

 

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