Advertisement

राजस्थान PSC परीक्षा के लिए पढ़ना होगा महाभारत का चैप्टर, बढ़ा विरोध

आरपीएससी के चेयरमैन राधेश्याम गर्ग का कहना है कि महाभारत के एक अंश का छोटा सा हिस्सा है. इसे कई मैनेजमेंट कॉलेजों और युनिवर्सिटी में बताया जाता है और पढ़ाया भी जाता है. उसी को हमने यहां शामिल किया है. इसमें किसी तरह से किसी धर्म विशेष को बढ़ावा देने का कोई प्रयोजन नहीं है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 16 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

राजस्थान में शिक्षा के भगवाकरण को लेकर एक बार फिर से बवाल मच गया है. इस बार राजस्थान लोक सेवा आयोग जिसे आरपीएससी के नाम से जाना जाता है उसके परीक्षा पाठ्यक्रम में महाभारत के अंश को शामिल किए जाने को लेकर लोगों ने विरोध दर्ज कराया है.

दरअसल, कुछ दिन पहले आरपीएससी ने राजस्थान सेवा के लिए चुने जाने वाले आरएएस की होने वाली परीक्षा के लिए शामिल पाठ्यक्रम में महाभारत के कुछ अंशों को शामिल किया है.

Advertisement

नीतिशास्त्र नाम से एक नया चैप्टर रखा गया है जिसमें मैनेजमेंट सीखने के लिए युद्ध से पहले श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच के संवाद को परीक्षा के सिलेबस के रूप में रखा गया है. साथ ही योग को भी मैनेजमेंट के हिस्से के रूप में परीक्षा के पाठ्यक्रम में रखा गया है.

विभाग की सफाई

आरपीएससी के चेयरमैन राधेश्याम गर्ग का कहना है कि महाभारत के एक अंश का छोटा सा हिस्सा है. इसे कई मैनेजमेंट कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में बताया जाता है और पढ़ाया भी जाता है. उसी को हमने यहां शामिल किया है. इसमें किसी तरह से किसी धर्म विशेष को बढ़ावा देने का कोई प्रयोजन नहीं है.

हालांकि इसी नीति शास्त्र सब्जेक्ट में महात्मा गांधी के जीवन से भी मैनेजमेंट सीखने को भी सिलेबस में रखा गया है, जबकि राजस्थान शिक्षक संघ के अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल का कहना है कि यह बीजेपी सरकार के भगवा एजेंडे के तहत रखा गया है जिसमें मजबूर किया जा रहा है कि किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को अगर राज्य में अधिकारी बनना है तो महाभारत के अंश को पढ़ना होगा, याद करना होगा. इस फैसले को लेकर कई सामाजिक संगठनों ने भी आपत्ति जताई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement