Advertisement

राजस्थान: पट गई पायलट और गहलोत के बीच सियासी खाई! एक ही हेलिकॉप्टर में रैली के लिए निकले

कृषि कानून के विरोध में सचिन पायलट लगातार रैलियां कर रहे हैं. इसे देखते हुए पार्टी ने फैसला लिया है कि किसानों के मुद्दे पर अब दोनों नेता एक साथ रैली करेंगे.

एक ही हेलीकॉप्टर में सवार होकर रैली के निकले सचिन पायलट और अशोक गहलोत.(फोटो-आजतक) एक ही हेलीकॉप्टर में सवार होकर रैली के निकले सचिन पायलट और अशोक गहलोत.(फोटो-आजतक)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 27 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST
  • डेढ़ साल बाद एक साथ रैली के लिए निकले पायलट-गहलोत
  • आखिरी बार विधानसभा चुनाव में हुआ था ऐसा
  • मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर हुआ था मनमुटाव

राजस्थान में कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच सियासी खाई पटती नजर आ रही है. तकरीबन डेढ़ साल बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट एक ही हेलीकॉप्टर में सवार होकर  बीकानेर के डूंगरगढ़ और चित्तौड़ के मातृकुंडिया के लिए निकले. राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद यह पहली बार है, जब दोनों एक ही हेलीकॉप्टर में सवार होकर रैली के लिए निकले.

Advertisement

दोनों के बीच व्याप्त मतभेद को खत्म करने के लिए कांग्रेस पहले से कोशिश में जुटी हुई है. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन पहले से ही राजस्थान पहुंच चुके हैं. राहुल गांधी के दौरे के बाद राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुट गई है.बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही दोनों नेताओं को निर्देश दिया था कि किसान रैली में दोनों एक साथ जाएं.

कृषि कानून के विरोध में सचिन पायलट लगातार रैलियां कर रहे हैं. इसे देखते हुए पार्टी ने फैसला लिया है कि किसानों के मुद्दे पर अब दोनों नेता एक साथ रैली करेंगे. बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों ने एक साथ कई रैलियां की थीं. लेकिन मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के बीच दोनों के बीच कुछ मतभेद पैदा हुए थे. एक समय तो यह भी आया था जब सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ बगावत पर उतर आए थे. हालांकि बातचीत के बाद उन्हें मना लिया गया था.

Advertisement

पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद से कांग्रेस ने  राजस्थान के दोनों नेताओं के बीच खाई को पाटने की कोशिश तेज कर दी है. ऐसे में दोनों का एक बार फिर से एक ही हेलीकॉप्टर में सवार होकर जाना कांग्रेस के लिए राहत की खबर है. पहले से ही पार्टी के अंदर उठ रही बगावत की आवाजों के बीच कांग्रेस के लिए यह राहत भरी खबर है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement