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गहलोत सरकार का फैसला- उचित मूल्य की दुकानों में महिलाओं को 30% आरक्षण

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनघोषणा पत्र में किए गए वादों में से एक और वादा पूरा करते हुए महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रदेश में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में 30 प्रतिशत दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
देव अंकुर
  • जयपुर,
  • 20 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST
  • महिलाओं के लिए 30% दुकानें आरक्षित रहेंगी
  • राजस्थान की गहलोत सरकार ने लिया फैसला
  • उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने फैसला लिया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत किए जाने वाली उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में महिलाओं के लिए 30% दुकानें आरक्षित रहेंगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जनघोषणा पत्र में किए गए वादों में से एक और वादा पूरा करते हुए महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रदेश में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में 30 प्रतिशत दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इसके लिए उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी है. 

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गहलोत सरकार ने दावा किया है कि यह फैसला महिलाओं को रोजगार के अवसर दिलाएगा और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाएगा. इस निर्णय से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और वे आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ सकेंगी.      

बता दें कि जनघोषणा पत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत महिलाओं को दुकान आवंटन में आरक्षण देने की घोषणा की गई थी. दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी से यह जनघोषणा अब मूर्तरूप ले सकेगी. गौरतलब है कि दो वर्ष से कम समय में ही जनघोषणा पत्र की 501 घोषणाओं में से अब तक सतत प्रक्रिया सहित 257 घोषणाएं पूरी हो गई हैं तथा 176 प्रगतिरत हैं.  

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सीएम गहलोत ने कहा कि उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में किए गए संशोधन के अनुसार नवसृजित सहित सभी रिक्तियों में बेरोजगार महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण रखा जाएगा. यह वर्तमान तथा भविष्य में जारी होने वाली सभी रिक्तियों में लागू होगा. जनजाति उपयोजना के अनुसूचित क्षेत्रों में कुल रिक्तियों में से 45 प्रतिशत रिक्तियां अनुसूचित जनजातियों एवं 5 प्रतिशत अनुसूचित जातियों के स्थानीय सदस्यों के लिए होंगी. 

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