
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को समर्पित कार्यकर्ताओं की पार्टी कहा जाता है, लेकिन अगर टिकट न मिले तो काहे का पार्टी और काहे का समर्पण. पांच साल तक वसुंधरा सरकार में भारी-भरकम मंत्रालय संभालने वाले कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र गोयल का टिकट क्या कटा, उनका बीजेपी से मोह भी भंग हो गया.
मंत्री जी के समर्थकों ने खुलेआम बीजेपी के कमल के निशान वाले झंडे को जलाया और बीजेपी मुर्दाबाद के नारे लगाए. मंत्री जी भी समर्थकों के गुस्से को देख अपना धैर्य खो बैठे और कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. सुरेंद्र गोयल ने कहा, 'बीजेपी के जिस वटवृक्ष को खड़ा किया है उसे उखाड़ कर फेंक दूंगा. पाली जिले के जैतारण विधानसभा के जिस सीट पर मैंने कमल खिलाया है, उस कमल को तोड़ फेकूंगा.'
दरअसल, सुरेंद्र गोयल बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से रहे हैं और जैतारण सीट से 4 बार जीत चुके हैं. लेकिन इस बार अचानक उनका टिकट कटने से उनके समर्थक नाराज हो गए. माना जा रहा है कि इस बार जैकारा में जो दंगे हुए थे उसे शांत कराने में सुरेंद्र गोयल नाकाम रहे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इनकी भूमिका को लेकर बेहद नाराज था. उन्हें संघ की नाराजगी का नुकसान झेलना पड़ा है .
मंत्री जी ने कहा है कि पार्टी ने उनके साथ धोखा किया है. उन्हें 2 दिन पहले बुलाते तो अपने कार्यकर्ताओं को समझा सकते थे. गोयल ने कहा, 'इज्जत बचाने के लिए मैं कहता कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए चुनाव नहीं लड़ूंगा. मेरा टिकट इसलिए काट दिया क्योंकि मैं किसी की चापलूसी नहीं करता.' उन्होंने कहा कि सबको ऐसा लगता है कि मैं संघ का विरोधी हूं. इसलिए मौका पाते ही मेरे विरोध में उम्मीदवार खड़ा कर दिया गया.' बीजेपी को खत्म करूंगा की धमकी देते हुए गोयल ने कहा कि पार्टी नेताओं की अक्ल ठिकाने ला दूंगा.