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दीया कुमारी की सफाई, वसुंधरा से पहले मामला बिगड़ा था, अब सब ठीक है

दीया ने इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि वह बीजेपी की राजनीति में किसी बड़े रोल की तलाश में हैं और विधायक की सीट तक सीमित नहीं रहना चाहतीं.

फाइल फोटो (इंडिया टुडे आर्काइव) फाइल फोटो (इंडिया टुडे आर्काइव)
रविकांत सिंह/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 14 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

जयपुर की पूर्व राजकुमारी और बीजेपी की सवाई माधोपुर विधायक दीया कुमारी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अपने संबंधों को लेकर कहा कि कुछ अधिकारियों की वजह से मामला बिगड़ा था लेकिन अब सब कुछ ठीक हो गया है.

राजपूतों की नाराजगी की बड़ी वजह जयपुर राजघराने की राजमहल की जमीन पर वसुंधरा सरकार के जबरन कब्जे की भी थी. तंवर राजपूत समाज ने राजघराने के साथ जयपुर की सड़कों पर उतर कर बड़ा आंदोलन किया था. उसके बाद से लगातार दीया कुमारी और वसुंधरा के संबंधों में कड़वाहट देखी गई थी. हालांकि दीया कुमारी ने साफ कर दिया है कि वसुंधरा राजे उन्हें राजनीति में लेकर आई थीं और वही राजनीति में उनकी गॉडफादर रही हैं. दीया कुमारी ने कहा, 'मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर जनता में एक परसेप्शन बना दिया गया है कि पार्टी तो ठीक है मुख्यमंत्री ही खराब है लेकिन ऐसा नहीं है. वसुंधरा सरकार ने पिछले 5 साल में बहुत काम किया है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनेगी.'

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दीया कुमारी ने कहा कि उनके चुनाव लड़ने को लेकर बीजेपी जो भी फैसला करेगी, उसे मानेंगी. हालांकि इशारों-इशारों में साफ कर दिया कि वह बीजेपी की राजनीति में किसी बड़े रोल की तलाश में हैं और विधायक की सीट तक सीमित नहीं रहना चाहती हैं. माना जा रहा है कि दीया कुमारी जयपुर से अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं. ऐसे समय में जब बीजेपी से राजपूत बड़ी संख्या में नाराज हैं, तो बीजेपी में दीया कुमारी का रोल बेहद अहम समझा जा रहा है. यही वजह है कि दीया कुमारी ने स्पष्ट कर दिया कि राजपूतों की जो कुछ नाराजगी थी उसे ठीक कर लिया गया है. उनका मानना है कि राजपूत समाज शुरू से बीजेपी के साथ रहा है और बीजेपी के साथ ही रहेगा.

दीया ने कहा कि 'राजस्थान में रजवाड़ा के लिए आम जनता के मन में काफी सम्मान है जिसकी वजह से जब भी वह चुनाव में जाती हैं तो जीत जाती हैं.' अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि 'जयपुर का राजवाड़ा जनता के लिए काफी भलाई का काम किया है यही वजह है कि पहली बार जब वह राजमहल से जनता के बीच पहुंचीं तो लोगों ने इतना प्यार दिया कि अपना घर जैसा लगा. उनके पिता भवानी सिंह कांग्रेस के टिकट पर जयपुर से और दादी गायत्री देवी स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ चुकी हैं. वसुंधरा राजे के आग्रह पर बीजेपी को चुना और अब बीजेपी में ही पार्टी की सेवा करना चाहती हूं.'

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