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राजस्थान में हाईवोल्टेज भिड़ंत, वसुंधरा के बाद पायलट के खिलाफ भी मजबूत प्रत्याशी

नामांकन के एक दिन पहले राजस्थान में जबरदस्त नाटकीय घटनाक्रम चला जो कि कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं है. कांग्रेस के हाड़ौती की नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा बीजेपी में शामिल होकर पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बन गईं.

सचिन पायलट और अशोक गहलोत (फाइल फोटो) सचिन पायलट और अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
शरत कुमार/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव में आज नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है. टोंक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट अपना नामांकन तो जोधपुर के सरदारपुरा सीट से पार्टी महासचिव अशोक गहलोत सोमवार को अपना पर्चा दाखिल करेंगे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सचिन पायलट के खिलाफ वसुंधरा राजे सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.  

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वसुंधरा की रणनीति

टोंक में सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं और वहां से कांग्रेस शुरू से उसी समाज से उम्मीदवार उतारती रही है. लेकिन इस बार कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बीजेपी ने टोंक से अजीत मेहता का टिकट काटा है और उनकी जगह यूनुस खान को सचिन पायलट के खिलाफ मैदान में उतारा है. हालांकि खान टोंक जाने के प्रति उत्साहित नहीं थे और डीडवाना से चुनाव लड़ना चाहते थे.

इन सीटों पर तय नहीं उम्मीदवारों के नाम

इस बार राजस्थान का विधानसभा चुनाव इस कदर दिलचस्प हो चला है कि नामांकन के आखिरी दिन तक दोनों ही पार्टियों ने अपने सभी 200 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. कांग्रेस में महुआ सीट के लिए अभी तक उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है तो बीजेपी ने अभी भी 4 सीटों पर नामों की घोषणा रोक रखी है.

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नामांकन के एक दिन पहले राजस्थान में जबरदस्त नाटकीय घटनाक्रम चला जो कि कांग्रेस के लिए अच्छा नहीं है. कांग्रेस के हाड़ौती की नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा बीजेपी में शामिल होकर पीपल्दा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बन गईं. वहीं  कोटा के पूर्व महाराज और कांग्रेस के सांसद रहे इज्यराज सिंह की पत्नी कल्पना सिंह बीजेपी में शामिल होकर लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से भगवा पार्टी की प्रत्याशी बन गईं.

कांग्रेस में बवाल

राजस्थान में कांग्रेस प्रत्याशियों के विरोध में कोहराम मचा रहा. खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बता रहे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने पार्टी से बगावत कर दी है. उनका कहना है कि उनके चहेते कन्हैया लाल झंवर का टिकट काटा गया तो वह भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.

दरअसल पार्टी ने कन्हैया लाल झंवर का टिकट काट कर एक बार फिर से बीडी कल्ला को दे दिया था. उसके बाद डूडी की धमकी के बाद बीकानेर पूर्व से यशपाल गहलोत का टिकट काटकर कन्हैया लाल को दिया गया. पहले कन्हैया लाल झंवर के समर्थकों ने बीकानेर में उत्पात मचाया और उसके बाद कांग्रेस के जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत के समर्थकों ने देर रात तक बीकानेर शहर में बवाल काटा.

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