
राजस्थान के सीकर के कॉलीडा गांव में कुई खोदते समय मिट्टी में दबे मजदूर मनरूप को निकालने की कवायद आठवें दिन भी जारी रही. प्रशासन की ओर से अलग-अलग तरह से तीन बार बचाव अभियान चलाया गया लेकिन तीनों में ही सफलता हासिल नहीं हो पाई.
हादसे में दबे मजदूर मनरूप को अब तक निकाला नहीं जा सका है. करीब 40 फीट की गहराई पर मनरूप 22 जून को कुई खोदते समय मिट्टी धंसने से उसमें दब गया था. तभी से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. लेकिन अभियान में बार-बार दिक्कत इसलिए आ रही है क्योंकि बालू रेत होने के कारण जैसे ही खुदाई की जाती है बालू रेत वापस धंस जाती है.
2 मकान की वजह से हो रही दिक्कत
साथ ही जहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उसके पास में दो मकान भी बने हुए और वह भी नहीं टूटे, इसके चलते रेस्क्यू की टीम को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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प्रशासन ने आज मंगलवार को निर्णय लिया कि 40 फीट की जो गहरी खुदाई की गई है उसे वापस भरा दिया जाए और पाईलर मशीन जयपुर से मंगवा कर उसके जरिए रेस्क्यू किया जाएगा.
हालांकि प्रशासन के लिए पायलट मशीन को ही दुर्घटनास्थल तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है क्योंकि जहां दुर्घटना हुई है. वह सड़क से करीब 2 से 3 किलोमीटर की दूरी पर है और वहां पहुंचने के लिए रास्ता संकरा और कच्चा है जिसके चलते पाईलर मशीन को पहुंचाने में दिक्कत आ रही है.
संभावना जताई जा रही है कि जैसे ही पाइलर मशीन दो-तीन घंटे में दुर्घटनास्थल पर पहुंचेगी उसके बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा और 40 फुट की खुदाई के बाद एनडीआरफ, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के वालेंटियर्स के माध्यम से दबे मजदूर को निकालने का प्रयास किया जाएगा.