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उदयपुर पुलिस ने पद्मावती पर रोक लगाने का लेटर दो घंटे में वापस लिया

कटारिया ने कहा कि पद्मावती फिल्म में अगर कुछ गलत दिखाया गया है तो उसमें सुधार किया जाए. लेकिन कुछ लोग सिर्फ यह समझते हैं कि रानी पद्मावती के हितैषी वही हैं तो यह गलत है.

फिल्म पद्मावती का पोस्टर फिल्म पद्मावती का पोस्टर
नंदलाल शर्मा/शरत कुमार
  • उदयपुर ,
  • 05 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:14 PM IST

राजस्थान में उदयपुर पुलिस के पद्मावती फिल्म पर रोक लगाने के पत्र से हंगामा मच गया, लेकिन दो घंटे बाद ही पुलिस ने इसे टाइपिंग की गलती बताते हुए दूसरा पत्र जारी किया, जिसमें लिखा गया है कि पद्मावती फिल्म की रिलीज को लेकर कोई रोक नहीं है. इसके लिए संबंधित थानों को कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा रही है. इससे पहले उदयपुर एसपी के नाम से पद्मावती फिल्म पर रोक लगाने जैसा पत्र वायरल हो गया था.

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इस बीच उदयपुर में ही प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने फिल्म पद्मावती की रिलीज को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. कटारिया ने साफ किया कि जो भी कानून व्यवस्था के खिलाफ जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करना उनका अधिकार है. कटारिया ने कहा कि पद्मावती फिल्म में अगर कुछ गलत दिखाया गया है तो उसमें सुधार किया जाए. लेकिन कुछ लोग सिर्फ यह समझते हैं कि रानी पद्मावती के हितैषी वही हैं तो यह गलत है.

उन्होंने कहा कि रानी पद्मावती किसी जाति विशेष की नहीं होकर पूरे देश की प्रतीक हैं. कटारिया ने कहा कि अपने सतीत्व की रक्षा करने के लिए 16000 रानियों का अग्नि स्नान करना पूरे विश्व में एकमात्र उदाहरण है. ऐसे में इस फिल्म में रानी पद्मावती की पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए और अगर फिल्म में कोई ऐसा अंश है तो उसमें भी सुधार कर लेना चाहिए.

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कटारिया ने कहा कि हम किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं देते हैं, लेकिन फिर भी कोई ऐसा काम करेगा तो हमारी ओर से जो भी कार्रवाई होगी वह हम करेंगे.

करणी सेना द्वारा राजस्थान के सिनेमाघरों में फिल्म प्रदर्शित नहीं करने देने के सवाल पर कटारिया ने कहा कि वे लोग अपना काम करेंगे और हम अपना काम करेंगे. अगर फिल्म में कोई अपमानजनक तथ्य है तो उसे सुधारने की आवश्यकता है.

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