
चुनाव से 3 महीने पहले राजस्थान सरकार ने अपनी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए अब गरीब परिवारों को एक-एक मोबाइल देने का फैसला किया है. राजस्थान सरकार जिस मोबाइल को गरीबों को देगी उस मोबाइल में राजस्थान सरकार की उपलब्धियां और योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.
दरअसल, सरकार को लगता है कि लोगों के पास मोबाइल नहीं होने से वह योजनाओं का भरपूर फायदा नहीं उठा पा रहे हैं और उनकी योजनाएं जनता तक नहीं पहुंच पा रही हैं.
इस सिलसिले में सोमवार को एक आदेश निकाला गया जिसमें कहा गया है कि राजस्थान में जितने भी 'भामाशाह कार्ड' धारक हैं, उन सभी परिवारों को मोबाइल और डाटा कनेक्शन दिया जाए. इसके लिए मोबाइल कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं.
ये है शर्त
बता दें कि राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने भामाशाह कार्ड शुरु किया है जिससे लेगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. कलेक्टरों कहा गया है कि अपने-अपने जिले में कैंप लगाकर लोगों की पहचान करें. जिन परिवारों के पास एक से ज्यादा स्मार्ट फोन नहीं है उनके लिए फोन देने और डाटा कनेक्शन की व्यवस्था की जाएगी.
एक करोड़ 60 लाख ऐसे परिवार हैं जिनके पास भामाशाह कार्ड है. किस कंपनी का मोबाइल और डाटा कनेक्शन होगा यह तय नहीं हुआ है. इस पर कितना खर्च आएगा यह भी अभी तय नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि रिलायंस जियो की दूरदराज तक कनेक्टिविटी है, लिहाजा जियो ही सभी मोबाइल धारकों को दिए जाएंगे.
जमा करने होंगे 501 रुपये
भले ही सरकार योजनाओं के बखान के लिए मोबाइल वितरण की सोच रही हो, लेकिन जिन्हें यह मोबाइल फोन मिलेंगे, उन्हें 501 रुपये जमा भी कराने होंगे. यानी प्रति मोबाइल 501 रुपये जमा करने के बाद ही मोबाइल मिलेगा. हालांकि, यह पैसा अमानत राशि के तौर पर जमा कराया जाएगा और तीन साल बाद फोन लौटाने पर यह राशि वापस कर दी जाएगी.
इससे पहले राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने केंद्रीय दूर संचार राज्य मंत्री रहते हुए इस तरह की योजना शुरू की थी जिसमें पंचायत में गरीबों को मोबाइल फोन दिया गया था तब उस समय बीजेपी ने इसका विरोध किया था.