
कांग्रेस के कलह के बाद अब राजस्थान BJP में घमासान मचा हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का राजस्थान का दौरा शुरू होने वाला है, उससे पहले BJP विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने वसुंधरा राजे को राज्य की कमान देने की मांग की तो अब जयपुर के मालवीय नगर से विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ ने कहा है कि वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं और हमारी भावी मुख्यमंत्री हैं.
वसुंधरा गुट की तरफ से लगातार उठ रही इस मांग को लेकर BJP के अंदर बेचैनी है. केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत कह रहे हैं कि चुनाव तो अभी तीन साल दूर है, ऐसे में मुख्यमंत्री का सवाल कहां उठता है. बवाल बढ़ता देखकर BJP के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे हमारी सम्मानित नेता हैं, मगर वसुंधरा राजे के समर्थकों ने कोटा में वसुंधरा राजे की रैली करने का ऐलान कर के सीधे-सीधे पार्टी को चेतावनी दे दी है.
वसुंधरा समर्थक प्रताप सिंह सिंघवी का कहना है कि आठ मार्च को भरतपुर से लेकर जयपुर तक वसुंधरा राजे का जन्मदिन मनाया जाएगा. पूर्व मंत्री भवानी सिंह राजावत ने भी कोटा में वसुंधरा राजे की रैली का ऐलान किया है. कहा जा रहा है कि वसुंधरा राजे लंबे समय बाद राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा लेने के लिए 24 फरवरी को जयपुर पहुंचेगीं.
मगर उससे पहले सबकी निगाहें 21 फरवरी के दिन BJP के पदाधिकारियों की दिल्ली में हो रही मीटिंग पर लगी हुई है. 21 फरवरी को वसुंधरा राजे के अलावा BJP के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे.
राज्य की राजनीति में वसुंधरा राजे के फिर से सक्रिय होने की बेचैनी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले एक महीने में वे दो बार BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मिल चुकी हैं.