
राजस्थान विधानसभा चुनाव से करीब दो महीने पहले राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ऐसी अटकलों पर विराम लगाया है कि उनके बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मतभेद हैं. जयपुर में बुधवार को ‘इंडिया टुडे वुमन समिट एंड अवार्ड्स’ में मुख्यमंत्री ने अमित शाह को लेकर कहा कि उनके आपस में बहुत अच्छे कामकाजी रिश्ते हैं और दोनों के बीच किसी तरह की समस्या नहीं है.
बता दें कि इस साल बीजेपी के राजस्थान अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर वसुंधरा राजे और अमित शाह के बीच मतभेदों की रिपोर्ट सामने आई थीं. इस नियुक्ति पर अंतिम मुहर लगने में दो महीने का वक्त लगा था क्योंकि राजे ने इस पद के लिए अमित शाह की पसंद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मानने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बाद में उनमें मदन लाल सैनी को राज्य का नया बीजेपी अध्यक्ष बनाने पर सहमति हो गई.
वसुंधरा राजे से जब पूछा गया कि सर्वेक्षणों में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर लोगों के नाखुश होने की बात कही जा रही है तो मुख्यमंत्री ने पूरे आत्मविश्वास से कहा, ‘दो महीने इंतजार कीजिए, मैं वापस आऊंगी. हम जीतेंगे. सर्वे मायने नहीं रखते. मेरी सरकार अपने किए हुए काम के दम पर लौटेगी’.
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, ‘किसी में खड़ा होने का साहस नहीं और जो ऑडिट के लिए कहे. मेरे में वो साहस है क्योंकि हमने करके दिखाया है. मैं पूरे राज्य में घूमी हूं और सभी योजनाओं का जायजा लिया है. हमने सभी योजनाओं को लेकर सब कुछ डॉक्यूमेंट किया है. लोग मान रहे हैं कि उन्हें इनसे लाभ हो रहा है’.
मुख्यमंत्री से जब राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरा बेंचमार्क मैं खुद और मेरी पार्टी है. वो पिछले साढ़े चार साल से कहां थे. वो पिछले 3-4 महीने में ही सामने आए हैं. गहलोत कभी महिलाओं, किसानों और बच्चों को लेकर नहीं बोले.’
वसुंधरा राजे ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मेरे पास अपनी उपलब्धियों के प्रचार के लिए समय नहीं है. मेरे पास करने को बहुत से काम हैं. मैं पत्रकारों को जवाबदेह नहीं हूं. मैं लोगों को जवाबदेह हूं’.
मुख्यमंत्री ने राज्य में महिलाओं की ओर से अपने-अपने क्षेत्रों में हासिल की गई अभूतपूर्व उपलब्धियों की तारीफ की. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वक्त बदल गया है. महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर चल रही हैं. सबसे अहम चीज शिक्षा है.’
राजनीति में अपने लिए जगह बनाना उनके लिए कितना मुश्किल रहा, इस सवाल के जवाब में वसुंधरा राजे ने कहा, ‘मुझे राजपरिवार में जन्म लेने का सौभाग्य हासिल है, लेकिन कभी पुरुष-महिला या महिला-पुरुष जैसी भावना नहीं रही. मुझे काम करने का मौका मिला और धीरे-धीरे विश्वास बढ़ता चला गया.
मुख्यमंत्री के तौर पर पहले और दूसरे कार्यकाल में अंतर को स्पष्ट करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा, ‘जब आप कुछ भी शुरू करते हैं तो सीखते हैं. ऐसी कई बातें हैं जो मैंने सीखी हैं, वो भी कम-से-कम अवधि में. मैंने उन्हें लागू किया है. उन्हें अच्छे इस्तेमाल में लगाया है.’
‘महारानी’ के नाम से संबोधित किए जाने पर वसुंधरा राजे ने कहा, ‘ये चोट देता है. राजपरिवार ने लोगों के विकास के लिए बहुत योगदान दिया है. इसीलिए इतने सालों तक ‘सामंतियों’ ने चुनाव जीते. सामंती सही मायने में कोई बोझ नहीं है. सामंती के सही अर्थों में जाएं तो मैंने अपने माता-पिता को कभी खाली बैठे नहीं देखा. उन्होंने हमेशा लोगों की मदद की और उनका लोगों के साथ मजबूत संपर्क था’.