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रामगढ़ में जीत के साथ राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस की सेंचुरी

हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99, बीजेपी ने 73 और बीएसपी ने 6 सीटें हासिल की थी. रामगढ़ विधानसभा में जीत से कांग्रेस का आंकड़ा 100 हो गया है.

उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो-पीटीआई) उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजों में 99 के फेर में फंसी कांग्रेस ने गुरुवार को रामगढ़ विधानसभा में जीत के साथ 100 का आंकड़ा हासिल कर लिया है. इसी के साथ कांग्रेस पार्टी 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत से महज 1 कदम दूर रह गई है. हालांकि, राज्य में कांग्रेस की सरकार निर्दलियों और बहुजन समाज पार्टी के समर्थन से चल रही है. लेकिन इस जीत से पार्टी की स्थिति मजबूत हुई है.

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रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीएसपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के बाद मतदान स्थगित कर दिया गया था. 28 जनवरी को हुए मतदान में निर्वाचन आयोग के मुताबिक 79.04 फीसदी मतदान हुआ था. जिसमें 20 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस, बीजेपी और बीएसपी के बीच था. जहां कांग्रेस से पूर्व विधायक और एआईसीसी के सचिव जुबैर खान की पत्नी साफिया खान मैदान में थीं. तो वहीं बीजेपी ने रामगढ़ से विधायक रहे ज्ञानदेव आहुजा का टिकट काटकर सुखवंत सिंह को मैदान में उतारा था. वहीं, बीएसपी ने पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के पुत्र जगत सिंह को मैदान में उतारकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया था.

कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरी साफिया खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सुखवंत सिंह को 12228 मतों से हराया. वहीं, बीएसपी उम्मीदवार जगत सिंह तीसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस से साफिया खान को 83,311 और बीजेपी से सुखवंत सिंह 71,083 वोट मिले. रामगढ़ विधानसभा चुनाव प्रत्याशियों के अलावा चुनावी मैदान में उतरे दलों के लिए ज्यादा अहम था. खास तौर पर बीएसपी के लिए यह सीट इसलिए मायने रखती थी क्योंकि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने यहां की 6 विधानसभाओं में बड़ा फैक्टर बनकर उभरी थी.

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जाट, दलित और मेव मुस्लिम बहुल मेवात का यह इलाका पिछली बीजेपी सरकार में गौरक्षा से जुड़ी हिंसक घटनाओं का गवाह रहा. पिछले साल कथित गौरक्षकों के हाथों पहलू खान और उमर मोहम्मद की हत्याओं के बाद अलवर जिला सुर्खियों में बना रहा.

राजस्थान के मेवात अंचल की अलवर लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाली 8 विधानसभा सीटों, गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 2, बीजेपी को 2, बीएसपी को 2 सीटें मिली थी. जबकि 1 सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया था. बीजेपी इस सीट से जीत दर्ज कर यह जताने की कोशिश में थी कि प्रदेश में उसका दबदबा बरकरार है. तो वहीं बीएसपी अपनी जीत के जरिए अलवर लोकसभा में अपना पलड़ा भारी करने को उत्सुक दिख रही थी. हालांकि, रामगढ़ सीट पर जीत के साथ अलवर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस का आंकड़ा तीन हो गया है जो आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से अलवर में पार्टी के लिए अच्छी खबर लेकर आया है.

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