जहां पर दंगा हुआ वहां पर मलबा पड़ा हुआ है. मलबे के पास मुंबई में रहने वाले नेमीचंद और उनकी पत्नी खड़ी हैं. उन्होंने चूड़ियों के काम करने वाले हबीब इनामदार को दुकान किराए पर दे रखी थी. दंगा हुआ तो हबीब ने फ़ोन किया कि अपना मकान बचा सको तो बचा लो हमला होनेवाला है. नेमीचंद बताते है हबीब 15 साल से दुकानदार था वह भले ही मुस्लिम था मगर बहुत अच्छा इंसान है. पत्नी यह कहकर रोने लगी कि पति-पत्नी ने साथ मिलकर घर बनाया था जो अब टूट गया. अभी फंक्शन किया था. रिटायरमेंट के पैसे से अपने बचपन के शहर में रहने के लिए मकान बनवाया था. देखें ये रिपोर्ट.