
अरुणाचल प्रदेश में नवगठित सरकार कल विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेगी. मुख्यमंत्री कालिखो पुल को तब बल मिला जब नबाम तुकी के आठ वफादार विधायकों ने उनका साथ छोड़कर पुल को समर्थन दे दिया.
राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने मंगलवार से 27 फरवरी तक के लिए विधानसभा का सातवां सत्र बुलाया है. पुल को तीन महीने की राजनैतिक अस्थिरता के बाद गत 19 फरवरी को राज्य के आठवें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई थी.
आठ विधायकों का समर्थन मिलने से पुल समर्थक विधायकों की संख्या बढ़कर 41 हो गई जिसमें कांग्रेस के 28, बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं. सदन में कुल विधायकों की संख्या फिलहाल 58 है, हालांकि विधानसभा की मूल क्षमता 60 है.
उच्चतम न्यायालय ने दो कांग्रेसी विधायकों--गैब्रियल डेनांग वांगसू और वांगलिन साविन के इस्तीफा मामले में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था. इन दोनों विधायकों का इस्तीफा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया ने स्वीकार कर लिया था.
समर्थन करने वाले आठ विधायक हैं पूर्व मंत्री तकाम पारियो, गोजेन गडी, जोमडे केना और थिरांग आबोह और पूर्व संसदीय सचिव पंजी मारा, जांबे ताशी, गुम तायेंग और तापक टाकू.
संसदीय सचिव लिखा साया भी 20 फरवरी को पुल खेमे में शामिल हो गए थे.
पुल ने बुधवार शाम संवाददाताओं से कहा, 'और विधायक मेरी सरकार का समर्थन करने जा रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ महीने से जिन मुद्दों के लिए मैं लड़ रहा हूं, उन्होंने उसे महसूस कर लिया है.' विधानसभा उपाध्यक्ष तेंजिंग नोरबू थांगडोक ने कहा कि नए विधानसभा अध्यक्ष का भी चुनाव होगा क्योंकि सीट 16 दिसंबर से ही खाली है.