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महाराष्ट्रः 91 किसान बोले-मुआवजा दो या मौत की अनुमति दो

महाराष्ट्र में बुलढाणा ज़िले के खामगांव तहसील के 11 गांव के 91 किसानों ने उपविभागीय अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है.

प्रशासन को मांग पत्र सौंपते किसान प्रशासन को मांग पत्र सौंपते किसान
पंकज खेळकर /वरुण शैलेश
  • मुंबई,
  • 25 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

अभी हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव पारित किया है कि इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए. इसी तर्ज पर महाराष्ट्र के बुलढाणा में 91 किसानों ने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है.

महाराष्ट्र में बुलढाणा ज़िले के खामगांव तहसील के 11 गांव के 91 किसानों ने उपविभागीय अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति और राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है.

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राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर निर्माण कार्य चल रहा है. अमरावती से नवापुर (गुजरात सीमा) तक इस राजमार्ग को चार लेन का बनाया जा रहा है, जिसमें कई किसानों की खेती की ज़मीन राज्य प्रशासन ने अधिग्रहित कर ली है.

किसानों का आरोप है कि सरकार ने उन्हें मुआवजा बहुत कम दिया है. शासन के इस रवैये से किसान नाराज हैं. किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले 1 महीने से अनशन कर रहे हैं, किंतु शासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है. इसकी वजह से किसानों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है.

ताज्जुब की बात है कि राज्य के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर बुलढाणा से ही आते हैं और खामगांव शहर उनका रिहायशी शहर है. इतना ही नहीं, मंत्री के पुत्र इसी खामगांव तहसील के विधायक हैं. मगर किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है.

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पूरे महाराष्ट्र में किसान नाराज चल रहे हैं. कर्ज माफी और कृषि उपज पर उचित दाम मिले, इसके लिए किसानों का आंदोलन चल रहा है. कुछ ही दिन पहले अपनी तमाम मांगों को लेकर किसानों ने नाशिक से मुंबई तक पैदल मार्च निकाला था.

आदिवासी अपनी जमीन पर अधिकार दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं. वहीं दिल्ली में समाजसेवी अन्ना हजारे भी तमाम मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हुए हैं. इस बीच 91 किसानों की इच्छा मृत्यु की मांग सरकार के लिए मुश्किल ही पैदा करने वाला है.

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