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राजीव गांधी के तीन हत्यारों और संसद हमले के अभियुक्त अफजल गुरू के लिए क्षमादान की उठ रही मांगों के आलोक में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि अदालती फैसलों में राजनीतिक आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए.
आडवाणी ने कहा कि चाहे राजीव गांधी के हत्यारे की बात हो या भारतीय संसद पर हमलावरों की बात हो, अदालत ने जो भी निर्णय लिया है, उसमें राजनीतिक आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल उन मामलों में दया याचिका पर विचार किया जाना चाहिए जहां अपराध जघन्य नहीं हो और कुछ भड़काईपूर्ण कार्रवाई के बाद वारदात को अंजाम दिया गया हो. अपनी जनचेतना यात्रा के दूसरे चरण में चल रहे आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा कि व्यक्तिगत मामलों में कोई क्षमादान पर विचार कर सकता है लेकिन वहां भी राजनीतिक आधार नहीं होना चाहिए.
सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम हटाने पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर आडवाणी ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि आतंकवाद के प्रति हमारा रैवया सुसंगत होना चाहिए. यह समय समय पर हिचकिचाहट पूर्ण और ढुलमुल नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रति आपकी नीति किसी एक घटना पर आधारित नहीं हो सकती है.
जब उनसे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हाल के इस बयान के बारे में पूछा गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा अपनी अलग अलग योजनाओं के माध्यम से दक्षिणपंथी आतंकवाद से देश का ध्यान भटकाना चाहती है, आडवाणी ने कहा कि मैं अपने विरोधियों के इन बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए, मुझे टिप्पणी करने की जरूरत भी नहीं है. भाजपा नेता ने कहा कि मैं चकित हूं कि उनके जैसा वरिष्ठ नेता बार बार ऐसे बयान देता है जिससे उनकी पार्टी ही अपने आप को अलग कर लेती है.