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गांधीवादी अन्ना हजारे पक्ष ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘उपवास’ का विरोध कर रही मल्लिका साराभाई सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की घटना की आज निंदा की.
हजारे पक्ष की ओर से आज जारी बयान में कहा गया है कि गुजरात पुलिस ने नरोदा पाटिया में मल्लिका साराभाई, मुकुल सिन्हा, शमशाद पठान सहित 50 से अधिक दंगा पीड़ितों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, ताकि वे मोदी के ‘सदभावना उपवास’ का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध नहीं कर पाएं.
गौरतलब है कि कार्यकर्ताओं और दंगा पीड़ितों को कल नरोदा पाटिया में हिरासत में लिया गया था.
बयान में कहा गया है कि हम दंगा पीड़ितों और कार्यकर्ताओं को अलोकतांत्रिक एवं मनमाने तरीके से हिरासत में लिए जाने का विरोध करते हैं.
बयान में हजारे पक्ष ने कहा कि उनका मानना है कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने के जनता के अधिकार को रोकना लोकतंत्र का दमन है.
बयान में कहा गया है कि हम गुजरात सरकार की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं.
हजारे पक्ष की ओर से आज जारी इस बयान में प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल के साथ महेश भट्ट, अरूंधति धुरू, संदीप पांडे अजित साही, अरिवंद गौर और शाजिया इल्मी के नाम हैं. हालांकि, इस बयान में अन्ना हजारे और किरण बेदी के नाम का जिक्र नहीं है.