
जंतर मंतर पर ममता बनर्जी के धरने के दौरान उस वक्त अफरा तफरी मच गई, जब एक युवक खड़ा होकर नोटबंदी के समर्थन में मोदी मोदी के नारे लगाने लगा. ऐसा तब हुआ, जब खुद ममता बनर्जी धरने पर बैठे लोगों को संबोधित कर रही थीं, तभी अचानक मंच के सामने आकर एक युवक मोदी मोदी चिल्लाने लगा. आसपास के लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश भी की और पकड़ भी लिया, लेकिन उसने नारेबाजी बंद नहीं की और बाद में पुलिस उसे लेकर धरना स्थल से दूर ले गई.
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी के साथ ही विपक्ष के धरना प्रदर्शनों को खराब करने और उनमें बाधा पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप भी मोदी सरकार पर लगा दिया. ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपनी बात कहने और समझाने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं, अपना विरोध नोटबंदी के खिलाफ जता रहे हैं, लेकिन सरकार लोगों को पैसे देकर विपक्ष के धरना और विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रमों को खराब करने की साजिश रच रही है, पैसे देकर नारे लगवाए जा रहे हैं.
ममता बनर्जी के मुताबिक इस सरकार में लोग अपनी बात कह भी नहीं पा रहे हैं, क्योंकि सरकार सुनना नहीं चाहती. हम धरने पर बैठे, लेकिन मैनें धरने पर भाषण देने वाले हर शख्स को ध्यान से सुना ताकि ये समझ सकूं कि कहीं हम जो बात कर रहे हैं, उसमें कोई कमी तो नहीं है, लेकिन इस सरकार में तो कोई सुनने वाला ही नहीं है.
दो बार रोकना पड़ा भाषण
उन्होंने नारेबाजी की घटना को भी सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताया क्योंकि ममता के धरने के दौरान ही दो बार ऐसा हुआ, जब मंच से बोल रहे नेताओं को भाषण रोकना पड़ा. इसके पहले तृणमूल के ही नेता सुदीप बंधोपाध्याय के भाषण के दौरान भी एक युवक ने मोदी मोदी के नारे लगाए थे और चिल्लाकर बंधोपाध्याय से कहा कि लोगों को नोटबंदी से कोई दिक्कत नहीं है.
बाद में पुलिस ने इस युवक को मंच के पास से हटा दिया. युवक ने अपना नाम लेखराज बताया और खुद को हरियाणा का रहने वाला बताया.