
2जी स्पेक्ट्रम के बंटवारे के मामले में कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने '2जी सागा अनफोल्ड्स' नाम से किताब लिखी है. इस किताब में उन्होंने पूर्व CAG विनोद राय और पूर्व पीएम पीएम मनमोहन सिंह पर अपनी तीखी राय रखी है.
राजा ने खासतौर पर विनोद राय पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि विनोद राय को उनके और यूपीए-1 सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा है कि विनोद राय आखिर तक इसी भ्रम में रहे कि वह देश की अंतरात्मा की रक्षा कर रहे थे, पर वह इस्तेमाल हो रहे थे.
विनोद राय की रिपोर्ट है 'कूड़ा'
राजा का कहना है कि विनोद राय ने इस मामले में द्वेषपूर्ण कार्रवाई की, अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का गलत इस्तेमाल किया, आत्मप्रचार किया, देश के विकास को रोका. विनोद राय की रिपोर्ट सिर्फ कूड़ा है, कूड़ेदान में फेंकने के लायक है. उन्होंने संवैधानिक दायरे से बाहर जाकर काम किया.
मीडिया और विपक्ष का फर्जी आकंड़ा
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए के नुकसान के बारे में राजा का कहना है कि यह पूरी तरह से गलत आंकड़ा है. यूपीए शासनकाल में मंत्री रहे राजा ने कहा है कि विनोद राय ने सूचनाओं को सनसनीखेज बनाया. उन्होंने ऐसा करके अपना व्यक्तिगत अजेंडा चलाने की कोशिश की. उन्होंने कई गलतियां कीं और पैसे का दुरुपयोग किया. राजा के मुताबिक आंकड़े को सनसनीखेज बनाने के पीछे मीडिया और विपक्ष का हाथ था.
'विनोद राय के खिलाफ एक्शन हो'
राजा ने कहा है कि राय संवैधानिक शक्तियों के उल्लंघन के दोषी हैं. उनके ऐसा करने के पीछे जरूर किसी राजनीतिक दल के साथ संबंध रहे होंगे. उन्होंने कहा कि राय पर मुकदमा करना चाहिए, हालांकि उनको संवैधानिक छूट मिली है, लेकिन कम से कम से उनके खिलाफ एक जांच कमेटी तो बैठानी ही चाहिए.
'विनोद राय मेरे साथ करें खुली बहस'
राजा ने यह भी कहा है कि वह विनोद राय के साथ खुली बहस के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया से निवेदन है कि दोनों की बहस कराए. राजा ने कहा है कि राय के 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की बात को कोर्ट ने नहीं माना. यह पूरा मामला यूपीए-2 की हत्या के लिए राजनीति से प्रेरित था, जिसमें विनोद राय के कंधें पर रखकर बंदूक चलाई गई.
राजा ने इस मामले में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. राजा ने सवाल किया कि मनमोहन ने उस दूरसंचार नीति का बचाव क्यों नहीं किया, जिसे उन्होंने खुद मंजूरी दी थी. राजा ने कहा है कि मनमोहन को उनके सलाहकारों ने गलत जानकारी दी और पीएमओ दूरसंचार लॉबी के दबाव में काम कर रहा था.
सीबीआई छापों से मनमोहन थे अनजान
राजा का दावा है कि मनमोहन सिंह को इस केस में सीबीआई द्वारा मारे जा रहे छापों की कोई जानकारी ही नहीं थी. उन्होंने लिखा है, '22 अक्तूबर 2009 को सीबीआई द्वारा दूरसंचार मंत्रालय और कुछ दूरसंचार कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी के बाद मैं शाम सात बजे प्रधानमंत्री से मिला. पीएमओ में प्रधान सचिव टीके नायर भी वहीं थे. मैंने जब पीएम को सीबीआई के छापों के बारे में बताया तो वह चौंक गए.'
यह है पूरा मामला
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कैग ने स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रुपए के घोटाले का दावा किया था, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को जारी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे. आरोप था कि बिना नीलामी के दूरसंचार स्पैक्ट्रम आवंटित किए गए, इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.
अब सीबीआई की एक अदालत ने हाल ही में 2जी स्पेक्ट्रम आंवटन मामले में ए राजा समेत सभी आरोपियों को बरी किया है. ने अपनी किताब इस मामले में सुनवाई प्रक्रिया के दौरान ही लिख ली थी.