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राजा की करुणानिधि को भावुक चिट्ठी, कहा- शर्म आती है कि...

यूपीए सरकार के प्रति अपनी खीझ प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा है कि यह शर्म की बात है कि यूपीए सरकार इस झांसे को समझ नहीं पाई और सरकार गिराने की चालों में फंस गई.

करूणानिधि के साथ ए राजा (फाइल) करूणानिधि के साथ ए राजा (फाइल)
नंदलाल शर्मा
  • चेन्नई ,
  • 22 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

टू-जी केस में बरी होने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने डीएमके नेता करुणानिधि को भावुक पत्र लिखा है. राजा ने अपने पत्र में कोर्ट के फैसले को करुणानिधि को समर्पित किया है. और कहा है कि आपने मुझे विषम परिस्थितियों में संजोया, यही वजह थी कि टू-जी स्पेक्ट्रम की जंग में मैं टूटा नहीं.

पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने अपने पत्र में सवाल उठाते हुए कहा है कि उन लोगों को कौन दंड देगा, जिन्होंने करुणानिधि की 80 साल की पब्लिक लाइफ को भ्रष्ट बताया. भावुक होते हुए उन्होंने लिखा है कि फैसले के बाद मैं आपके बोल सुनने का इंतजार कर रहा हूं.

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उन्होंने कहा है कि स्पेक्ट्रम को लेकर किए गए हमलों ने एक वैचारिक आंदोलन (डीएमके) को खराब बताया. स्पेक्ट्रम की पॉलिटिक्स ने उन लोगों को मौका दिया, जो आपकी सरकार को हटा नहीं सकते थे. स्पेक्ट्रम की लड़ाई को कुछ व्यक्तियों ने आगे बढ़ाया जिसे केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई जैसी संस्थाओं ने शुरू किया.

ए राजा ने इस मामले को दुनिया के इतिहास में अपनी तरह का पहला मामला बताया है.

यूपीए सरकार के प्रति अपनी खीझ प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा है कि यह शर्म की बात है कि यूपीए सरकार इस झांसे को समझ नहीं पाई और सरकार गिराने की चालों में फंस गई.

अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पूर्व दूरसंचार मंत्री ने पत्र में कहा है कि साल 2009 में हमने 59 करोड़ मोबाइल कनेक्शन दिए जबकि 2012 तक 60 करोड़ मोबाइल कनेक्शन देने का टारगेट था. स्पेक्ट्रम कार्टेल ने ही फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्स ऐप क्रांति का रास्ता साफ किया है.

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राजा ने कहा कि इन उपलब्धियों को अपराध करार देना और जेल भेजना, केवल भारत में ही संभव है. प्रेस और मीडिया ने कोई शोध नहीं किया और स्पेक्ट्रम मामले में असभ्य तरीके की रूचि दर्शाई और सामाजिक दृष्टिकोण को नजरअंदाज किया.

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