Advertisement

अब नहीं चलेगी निजी कंपनियों की मनमानी, SC ने खत्म किया सेक्शन 57

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार की अनिवार्यता पर अपना फैसला सुनाया. आधार मामले की सुनवाई पिछले काफी समय से चल रही थी.

आधार पर सुप्रीम फैसला (File Photo, Getty) आधार पर सुप्रीम फैसला (File Photo, Getty)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम चीजों से आधार की अनिवार्यता को हटा दिया है, अब आधार एक पहचान के रूप में ही काम करेगा.

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अपने फैसले में केन्द्र की महत्वाकांक्षी योजना आधार को संवैधानिक रूप से वैध बताया है.

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को अपने फैसले में कहा कि सर्वश्रेष्ठ होने के मुकाबले अनोखा होना बेहतर है.

Advertisement

पीठ ने निजी कंपनियों को आधार के आंकड़े एकत्र करने की अनुमति देने वाले आधार कानून के प्रावधान 57 को रद्द कर दिया है. यानी अगर पेटीएम या अन्य मोबाइल कंपनियां अनिवार्य रूप से आधार की मांग नहीं कर सकती हैं.

गौरतलब है कि अभी तक निजी कंपनियां किसी भी तरह की सर्विस देने से पहले आधार कार्ड मांगती थी, जो अब नहीं मांग सकेंगी. कई मोबाइल कंपनियों ने इस तरह की शर्त भी रखी थी कि निश्चित तारीख से पहले आधार ना जोड़ने पर मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाएगा.

न्यायमूर्ति ए के सीकरी ने प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और अपनी ओर से फैसला सुनाते हुए कहा कि आधार के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के आरोप संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन पर आधारित हैं, जिनके कारण राष्ट्र शासकीय निगरानी वाले राज्य में बदल जायेगा.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना अनिवार्य करना असंवैधानिक है. वहीं कोर्ट ने बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने को भी अनिवार्य बनाना असंवैधानिक बताया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement