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'आजतक' के स्टिंग में बड़ा खुलासा, पैसे लेकर आधार कार्ड बनाने का यूं चल रहा गोरखधंधा

आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि आधार के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने इस काम को ऐसा धंधा बना दिया, जिसमें पैसे के लिए होम डिलीवरी दी जा रही है, वो भी बिना डॉक्यूमेंट के.

आधार कार्ड का गोरखधंधा आधार कार्ड का गोरखधंधा
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:31 AM IST

जिंदगी की हर जरूरत से जुड़ा आधार कार्ड आपकी पहचान है. बैंक हो या मोबाइल, पासपोर्ट हो या पैन, राशन कार्ड हो या किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेना हो, हर जगह आधार की जरूरत है. ऐसे में अगर आपके पास कुछ ना होते हुए भी आधार मिल जाए, तो क्या होगा? दरअसल, देश में आधार कार्ड बनाने के नाम पर कई सेंटर गोरखधंधा चला रहे हैं या कहें देश की सुरक्षा से चंद रुपयों के लिए खिलवाड़ हो रहा है.

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500-600 रुपये में देश की नागरिकता

मसलन जब 'आज तक' जयपुर के जगतपुरा पुलिया के नीचे की फोटोस्टेट की दुकान पर पहुंचा, तो वहां पूरे खेल का खुलासा हुआ. जहां कई लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए खड़े थे. जरूरी दस्तावेज ना होने पर भी आधार कार्ड बन रहा था. महज 500-600 रुपये में देश की नागरिकता दे दी जा रही है.

आधार की हो रही है होम डिलिवरी

केंद्र सरकार का आंकड़ा कहता है कि 2009 से जुलाई 2017 तक यूनिक आइडेंडिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई ने आधार कार्ड मुहैया कराने पर 9 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए. हर गली-मुहल्ले में सेंटर बनाए गए ताकि देश के हर नागरिक की पहचान सुनिश्चित हो सके, लेकिन आप ये जानकर दंग रह जाएंगे कि आधार के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने इस काम को ऐसा धंधा बना दिया, जिसमें पैसे के लिए होम डिलीवरी दी जा रही है, वो भी बिना डॉक्यूमेंट के.

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बिना डॉक्यूमेंट भी तैयार हो रहा है आधार

यहां तक  की जिस आधार कार्ड सेंटर को बंद कर दिया गया, वहां भी आधार कार्ड बन रहा है. इसके लिए बाकायदा 50 हजार रुपए यूआईडी अधिकारियों को दिए गए. दरअसल, आधार की अनिवार्यता के बीच कार्ड बनाने का फर्जीवाड़ा कुछ यूं चल रहा है कि जरूरी दस्तावेजों की फिक्र ही नहीं दिखायी देती. आधार कार्ड बनाने वाले खुद ही आसान राह बता देते हैं.

जाली डॉक्यूमेंट बनवाते हैं एजेंट

'आज तक' ने कई एजेंटों से बात की और लगभग सभी पैसे लेकर जाली डॉक्यूमेंट या बिना डॉक्यूमेंट के आधार कार्ड बनाने को राजी हो गए. दरअसल, जिनके पास डाक्यूमेंट नहीं होते, उनका फर्जी किरायानामा और शपथ पत्र बनाकर एड्रेस प्रूफ एजेंट खुद ही बनवा देते हैं और फिर कार्ड बना देते हैं. फर्जी किरायानामा और दस्तावेजों की जांच कोई नहीं करता. आधार कार्ड बनने के बाद पहचान स्थायी हो जाती है क्योंकि आधार कार्ड के आसरे शख्स बैंक अकाउंट भी खोल लेता है और दूसरे दस्तावेज तैयार करा लेता है.

देश की सुरक्षा से खिलवाड़

आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है. अगर कुछ सेंटर बिना कागजात के आधार कार्ड बना रहे हैं. तो हालात ऐसे भी हैं कि आधार बनाने वाला आपके घर ही पहुंच जाए, बस इसके  एवज में खर्चा बढ़ जाएगा. तो क्या कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया या रोंहिग्या शरणार्थी या पाकिस्तानी जासूस ही देश में घुस आए, तो उनके लिए आधार के जरिए भारत में पहचान बनाना कोई मुश्किल काम नहीं होगा.

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