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सियासत करें, लेकिन सेना के मनोबल को कमजोर न करें: रविशंकर प्रसाद

Aajtak Suraksha Sabha आजतक द्वारा आयाेजित सुरक्षा सभा में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान को कड़ा स‍बक मिला है, लेकिन भारत में हमारे कुछ नेता ही इस पर सवाल उठाकर सेना का मनोबल तोड़ रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (फोटो: चंद्रदीप कुमार) केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (फोटो: चंद्रदीप कुमार)
अंजना ओम कश्यप
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान को यह सबक मिला है कि अब अगर सीमा पार आतंकवाद किया तो उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. लेकिन हमारे देश के कुछ नेता सवाल उठाकर सेना का मनोबल तोड़ रहे हैं. केंद्रीय कानून एवं न्याय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आजतक द्वारा आयोजित विशेष 'सुरक्षा सभा' में 'पाकिस्तान कैसे सुधरेगा' सत्र में यह बात कही. उन्होने कहा कि राजनीति कोई भी करे, लेकिन सेना के मनोबल को कमजोर नहीं करना चाहिए.

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उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को सुधारने के लिए उसको यह संदेश देना बहुत जरूरी था कि अब अगर आगे से आतंकवाद करोगे तो आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. पहली बार हमने उसको एक प्रभावी संदेश दिया है. 1971 के बाद हमने पहली बार बॉर्डर क्रॉस किया. दुनिया में कोई सवाल नहीं कर रहा, लेकिन यहां कुछ लोग पूछ रहे हैं.'

कांग्रेस के बड़े नेता भी उठा रहे सवाल

उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी, चिदंबरम, कपिल सिब्बल जैसे बड़े कांग्रेस नेता भी सवाल उठा रहे हैं. मुझे लगता था कि राहुल गांधी इन लोगों को चुप रहने के लिए कहेंगे. क्या वोट ही सब कुछ है. इससे उन्हें कितना वोट मिला है. हम देश के जवानों की शहादत पर सवाल कब तक पूछेंगे?'

उन्होंने कहा, 'इंडिया टुडे, आजतक चैनल पर हमले के प्रमाणिक सबूत दिए गए हैं. हमें हिंदस्तान की सेना पर भरोसा करना चाहिए. पाकिस्तान उस इलाके में विदेशी मीडिया को क्यों नहीं घुसने दे रहा, पहली बार पाकिस्तान ने खुद ट्वीट कर कहा कि उसके ऊपर हमला हुआ है. इस पर अब कोई बहस नहीं होनी चाहिए. हमारी समस्या दूसरी है. जो सोया हुआ है उसे हम जगा सकते हैं, लेकिन जो जागकर सोने का स्वांग कर रहा है, उसके लिए हम क्या करें. है, उसे हम क्या कह सकते हैं? 65 की जंग हुई, तो पूरा देश एक साथ था. पूरे देश के लोग ब्लैकआउट के समय बाहर निकल जाते थे. 71 की जंग में अटल जी ने इंदिरा को दुर्गा कहा. अभी जंग नहीं है, लेकिन विपक्ष के लोग सवाल पर सवाल कर रहे हैं.'

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लेकिन जब कोई यह पूछे कि 200-300 के आरडीएक्स के साथ एक गाड़ी हाईवे पर कैसे आई और धमाका कर दिया तो आप कितने लोगों को पाकिस्तान भेजेंगे? इस सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'पूछेंगे, लेकिन कब? जब सेना के जवान लड़ रहे हैं, तब ऐसा सवाल उठाना सेना का मनोबल तोड़ने वाला नहीं होगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान और भारत में एक फर्क है. पाकिस्तान की सारी पार्टियां सरकार के साथ हैं, लेकिन हिंदुस्तान की सारी पार्टियां सरकार के साथ नहीं हैं. इतनी सियासत, इतनी राजनीति? आप अपनी सारी सियासत करिए, लेकिन देश की सेना के मनोबल को कमजोर मत करिए.  देश में जीते हम सभी हैं, लेकिन मरते हमारे जवान और अफसर हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमने सेना को भी फ्रीडम दी है. पाकिस्तान को सबक है कि आगे कुछ करोगे तो जवाब दिया जाएगा. पाक के लिए यह सबक है कि हाफिज और मसूद दोनों आतंकी और हत्यारे हैं आप इनको पकड़ि‍ए और हिंदुस्तान भेजिए. मुंबई, उरी हमले के ट्रायल के लिए हमें उन्हें भारत लाना है. पाकिस्तान की एक और समस्या है. पाकिस्तान को कंट्रोल कौन करता है? मैं तीन चार बार गया हूं, मुझे समझ नहीं आता. चाबी किसी और के पास है और ऐसे वेस्टेड इंट्रेस्ट आतंकियों को आगे बढ़ाते हैं. पाकिस्तान की सेना आतंकियों को अपना बच्चा कहती हैं. पाकिस्तान के लोग अच्छे हैं, लेकिन उनके अंदर भारत विरोधी घृणा भरी हुई है.'

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