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कर्नाटक चुनाव: AAP की पहली लिस्ट, IAS से लेकर ऑटो चालक तक को टिकट

पार्टी ने कर्नाटक की सभी विधानसभा चुनावों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है और अब उसने 18 कैंडिडेट की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. इस पहली सूची में पूर्व आईएएस अधिकारी से लेकर ऑटो ड्राइवर तक शामिल हैं.

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली से लेकर पंजाब तक मुश्किल में चल रही हो, लेकिन उसके हौसले में कोई कमी आती नहीं दिख रही. पार्टी ने कर्नाटक की सभी विधानसभा चुनावों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है और अब उसने 18 कैंडिडेट की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है. इस पहली सूची में पूर्व आईएएस अधिकारी से लेकर ऑटो ड्राइवर तक शामिल हैं.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पार्टी जल्दी ही अपनी दूसरी लिस्ट जारी करेगी. AAP के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पृथ्वी रेड्डी ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी राज्य की सभी 224 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखती है. हालांकि यह इस पर भी निर्भर करता है कि अच्छे कैंडिडेट कितने हैं और संसाधन कितना जुट पाता है. अगर इसमें दिक्कत आई तो भी पार्टी कम से कम पचास फीसदी यानी 112 सीटों पर तो अपने उम्मीदवार उतारेगी ही.

रेड्डी कर्नाटक में आम आदमी पार्टी के संयोजक भी हैं. उन्होंने कहा कि अगले दिनों में पार्टी कई और सूची जारी करेगी. रेड्डी ने बताया कि पहली सूची में कई तरह के असाधारण पृष्ठभूमि के और कई बेहद आम लोग उम्मीदवार हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य की शांति नगर विधानसभा की उम्मीदवार रेणुका विश्वनाथन एक बेहतरीन आईएस अधिकारी रही हैं. उन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना यानी मनरेगा लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई है. इसी तरह शिवाजी नगर के कैंडिडेट अयूब खान ऑटो-रिक्शा चालक हैं और उन्होंने ऑटो चालकों के कल्याण के लिए काफी काम किया है.

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पृथ्वी रेड्डी खुद श्रवण नगर विधानसभा सीट पर राज्य के विकास मंत्री के.जी. जॉर्ज के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

गौरतलब है कि इसके पहले आम आदमी पार्टी ने गुजरात और पूर्वोत्तर के विधानसभा चुनावों में अपने कैंडिडेट खड़े किए थे, लेकिन दोनों राज्यों में उसके कैंडिडे्टस को बुरी तरह से शिकस्त मिली है. गुजरात और पूर्वोत्तर में उसके ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.

असल में पार्टी आठ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने कैंडिडेट खड़े कर वोटों का हिस्सा बढ़ाना चाहती है ताकि उसे राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल हो सके.

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