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बाबरी बिध्वंस: विजयवर्गीय बोले- हमारे नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया

कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता राशिद अल्बी ने कहा कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. अल्बी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती और राज्यपाल कल्याण सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए. गुनहगार हैं तो उन्हें सजा मिले.

कल्याण सिंह-उमा भारती कल्याण सिंह-उमा भारती

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को बड़ा झटका दिया है. शीर्ष अदालत ने आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया है. हालांकि राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कार्यालय छोड़ने के बाद ही उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है.

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'हमारे हिसाब से हमारे नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया है. अब कोर्ट ने फैसला दिया है तो वरिष्ठ नेता अध्ययन करके तय करेंगे.'

वहीं उमा भारती के बयान पर विजयवर्गीय ने कहा, 'उमाजी ने भावनात्मक बयान दिया है.' उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बैठकर बातचीत करके मामले का हल निकालने की प्रक्रिया को जरूर झटका लगा है.

कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. अल्बी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती और राज्यपाल कल्याण सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए. गुनहगार हैं तो उन्हें सजा मिले. वहीं बीजेपी नेता विनय कटियार ने इसे सीबीआई की साजिश बताया. कटियार ने कहा कि ये बीजेपी नेताओं के खिलाफ सीबीआई की साजिश है. राम मंदिर के लिए हम जेल भी जाने को तैयार हैं.

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दोनों पक्षकारों ने खाई मिठाई
वहीं अयोध्या बाबरी मस्जिद मामले के पैरोकार हाजी महबूब ने कहा कि वो कोर्ट के बाहर समझौते को तैयार है. बातचीत से रास्ता निकलना चाहिए. इसके लिए वो उलेमाओं से बात करेंगे.  हाजी  महबूब ने कहा कि मसले को सुलझा लिया जाएगा और अयोध्या में मंदिर भी बनेगा और मस्जिद भी बनेगी. 'आज तक' पर मौजूद दोनों पक्षकारों ने मुंह भी मीठा किया और कहा कि हम मसला सुलझा लेंगे.

6 दिसंबर 1992 को हजारों की संख्या में सेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए. सीबीआई ने कोर्ट से बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती सहित 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलने की मांग की थी.

आज के BJP नेताओं के लिए सबक है फैसला: केसी त्यागी
वहीं जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि भारत के करोड़ों लोग जो कई बार लंबी न्यायिक प्रक्रिया को लेकर निराश होते हैं उनके लिए आज उत्साह और खुशी का दिन है. यह देर से आया हुआ फैसला है. बाबरी मस्जिद की घटना के बाद मुंबई में जो दंगे हुए, उसके अभियुक्तों को भी सजा हो चुकी है. लेकिन आडवाणी, जोशी और उमा भारती जो आपराधिक साजिश के दोषी है, उन पर फैसला अभी तक लटका हुआ था. मैं बाबरी मस्जिद के लिए कांग्रेस के नेताओं को भी दोषी मानता हूं, जिन्होंने बीजेपी के नेताओं पर भरोसा किया जिसका नतीजा यह हुआ. यह फैसला आज के बीजेपी नेताओं के लिए भी एक सबक की तरह है, क्योंकि एक बार फिर उसी तरह का माहौल बनाया जा रहा है. भीड़ तंत्र से अपनी बात मनवाने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी के नेताओं को अब समझ लेना चाहिए की भीड़ के दम पर अपनी बात मनवाने का क्या नतीजा होता है. उमा भारती खुद कई बार कह चुकी है कि वह इस मामले के लिए जान दे सकती हैं तो उन्हें अब तत्काल इस्तीफा दे ही देना चाहिए. रोज-रोज की सुनवाई से जल्दी फैसला आने में मदद मिलेगी इसलिए हम इस का स्वागत करते हैं.

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हर रोज हो मामले की सुनवाई: सपा
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन हम लोगों की यह मांग है कि अब इस मामले को रोज-रोज सुनवाई करके जल्दी से जल्दी निपटा देना चाहिए. बाकी लोगों को भरोसा हो सके की न्याय समय पर मिल सकता है. पहले ही इस मामले में बहुत देर हो चुकी है. जब इसके लिए विशेष अदालत मुकर्रर हो चुकी है तो क्यों नहीं सुप्रीम कोर्ट आदेश देता कि 2 महीने के भीतर इस मामले में फैसला आ जाए. हम लोग इस्तीफा मांगने में विश्वास नहीं रखते. फैसला आ जाने के बाद यह लोग खुद ही चुनाव लड़ने के काबिल नहीं रहेंगे. यह हम उनकी नैतिकता पर छोड़ते हैं कि वह पद पर बने रहना चाहते हैं या फिर इस फैसले के बाद इस्तीफा देना चाहते हैं.

चम्पत राय बोले- सुप्रीम कोर्ट का आभार

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का आदेश देने के बाद आजतक ने विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री चम्पत राय से बातचीत की. आजतक के साथ हुई विशेष बातचीत में उन्होंने इसे एक सामान्य प्रक्रिया बताया. आपको बता दें कि चम्पत राय पर भी कोर्ट के फैसले के बाद आपराधिक साजिश का मुकदमा चलेगा.

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चम्पत राय ने खास बातचीत में कहा कि मैं इस फैसले को सामान्य प्रक्रिया मानता हूं. मेरे लिए न कुछ नया और न ही कुछ पुराना है. मैं सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार व्यक्त करूंगा कि जो मुकदमा 23 साल से कदमताल कर रहा था उसकी आयु कोर्ट ने दो साल फिक्स कर दिया है. 1993 से मुकदमे चल रहा है और जैसे आर्मी में एक ही जगह कदमताल होता है ऐसा ही इन मुकदमों के साथ हो रहा था.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में गलतियां सीबीआई कर रहा था. सीबीआई का काम था कि वो अच्चे लोग अपने साथ रखें और अच्चे वकील अपने साथ रखे जिससे 23 साल से सीबीआई कष्ट में थी. आपराधिक साज़िश का मुकदमा चलेगा और उसको सिद्ध भी करना होगा. जब सिद्ध हो जाएगा अपराध के मुकदमे चाहे किसी पर चलाओ अपराध किसी ने नहीं किया. ये सब देश के कल्याण के लिए किया गया काम था.

राममंदिर राष्ट्र के सम्मान और गौरव का मसला था. ये गर्व की बात है कि हमारे ऊपर ऐसे मुकदमे चल रहे हैं. आने वाले भविष्य में लोग कहेंगे कि ऐसे नेता हुए जिन्होंने अपने सम्मान के लिए सब प्रकार के मुकदमे सहे.

कल्याण सिंह पर दबाव बनाने वाले दबाव बनाए. हम कल्याण सिंह को जानते है जिस दिन उन पर दबाव बनेगा वो ऐसी चीजों को त्याग देंगे. दो साल में चुनाव होना है जब दो साल बाद फैसला आएगा. बीजेपी का 2019 का रास्ता कोर्ट ने साफ कर दिया है.

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