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बिना इंजन 15 किमी तक दौड़ती रही पुरी एक्सप्रेस, रेलवे में हड़कंप

यह ट्रेन केसिंगा की ओर जा रही थी. इस घटना का कारण रेलवे कर्मचारियों द्वारा कोचों के व्हील पर स्किड ब्रेक न लगाना है. नियमों के मुताबिक इन पर भी ब्रेक लगाने पड़ते हैं. जब ट्रेन से इंजन हटाया जाता है तो उसे दूसरी ओर लगाया जाता है. इस दौरान ट्रेन के डिब्बों को स्किड ब्रेक लगाकर रोका जाता है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
भारत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST

अहमदाबाद-पुरी सुपर फास्ट एक्सप्रेस के साथ एक हादसा होने से बच गया. यह ट्रेन शनिवार को बिना इंजन के 15 किलोमीटर तक दौड़ती रही. यह मामला टिटलागढ़ रेलवे स्टेशन का है. इस मामले में रेलवे के दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है. हालांकि, इस दौरान ट्रेन में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं.

यह ट्रेन केसिंगा की ओर जा रही थी. इस घटना का कारण रेलवे कर्मचारियों द्वारा कोचों के व्हील पर स्किड ब्रेक न लगाना है. नियमों के मुताबिक इन पर भी ब्रेक लगाने पड़ते हैं. जब ट्रेन से इंजन हटाया जाता है तो उसे दूसरी ओर से लगाया जाता है. इस दौरान ट्रेन के डिब्बों को स्किड ब्रेक लगाकर अपनी जगह पर रोका जाता है.

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इस मामले में संभावना जताई जा रही है कि या तो स्किड ब्रेक नहीं लगाए गए या लगाए भी गए तो ठीक ढंग से नहीं लगाए गए. मामले की असलियत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी. बिना इंजन के 15 किमी तक दौड़ी ट्रेन पटरी से भी उतर सकती थी, हालांकि ऐसा नहीं हुआ.

घटना के बाद ट्रेन के डिब्बों को लेने के लिए शनिवार रात करीब 11 बजे टिटलागढ़ से इंजन भेजा गया. यह घटना इसलिए घटी, क्योंकि टिटलागढ़ के बाद रेलवे लाइन ढलान पर है. इसलिए बिना इंजन के ही ट्रेन ढलान की दिशा में चलती रही.

ईस्ट कोस्ट रेलवे के जीएम ने कहा है, 'रेलवे की सुरक्षा के नियमों से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. किसी भी रेलवे कर्मचारी के दोषी पाए जाने पर उस पर कार्रवाई की जाएगी.'

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वहीं, संबलपुर डीआरएम ने कहा है कि जिन कर्मचारियों ने इंजन शंटिंग प्रोसीजर को नहीं अपनाया, उन्हें सस्पेंड किया गया है. डीआरएम ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी के स्तर की जांच का आदेश दे दिया है.

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