
3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यपर्ण के बाद बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे. रविवार को इसी मसले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी को असली 'दामदार' बताया.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मोदी सरकार पर आरोप लगाया. अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी पैरेंट कंपनी फिनमेकेनिका को षडयंत्रकारी मदद, सहायता व सरंक्षण देने की पीएम मोदी की कलई अब खुल गई है. अब वे अपनी कपटी भूमिका को बचाने के लिए मोदी बचाओ अभियान में लग गए हैं. मोदी ही इस मामले में असली दामदार हैं.
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने रहस्यमय तरीके से अगस्ता वेस्टलैंड की ब्लैक लिस्टिंग, मोदी सरकार के गठन के बाद खत्म की. सच्चाई ये भी है कि ब्लैक लिस्टेड अगस्ता वेस्टलैंड से सांठगांठ के चलते फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड में निवेश की इजाजत दी. पीएम मोदी नदी ने इस कंपनी को मेक इन इंडिया का हिस्सा बना डाला और नौसेना के लिए 100 हेलिकॉप्टर खरीद की अनुमति भी दे दी.
यहीं नहीं मोदी सरकार अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायलयों में सारे के सारे मुकदमे हार गई और अपील करने की जहमत भी नहीं उठाई. अब इस साजिश को छिपाने के लिए चोर दरवाजे से झूठ का जाल बुना जा रहा है.
12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा तय
सुरजेवाला ने तारीख दर तारीख मामले की तह में जाते हुए कहा कि इस मामले में तथ्य ये हैं कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी पैरेंट कंपनी फिनमेकेनिका से फरवरी 2010 में अंतरराष्ट्रीय टेंडर के माध्यमस से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने का सौदा तय हुआ जिसकी कुल कीमत 3, 546 करोड़ रुपए निर्धारित हुई. 12 फरवरी 2013 को मीडिया में उठ रही शंकाओं के आधार पर कांग्रेस ने जांच का आदेश दिया, एफआईआर दर्ज की और पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया. 27 फरवरी 2013 को राज्यसभा में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी से जांच कराने का बीजेपी को ऑफर दिया जिसे बीजेपी ने दरकिनार कर दिया.
1 जनवरी 2014 को यूपीए सरकार ने इस सौदे के कॉन्ट्रेक्ट को रद्द कर दिया. इस तारीख तक 1620 करोड़ रुपए का भुगतान कंपनी को हो चुका था और 3 हेलिकॉप्टर भारत सरकार को मिल चुके थे. उसी दिन सरकार ने कंपनी की 240 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त कर ली. कांग्रेस सरकार ने मिलान, इटली में अंतराष्ट्रीय बैंक गारंटी की रिकवरी के लिए मुकदमा दायर किया.
कांग्रेस सरकार ने कुल मिलाकर 2954 करोड़ रुपए जब्त किए
सुरजेवाला ने कांग्रेस की कार्यवाही को सही ठहराते हुए कहा कि 23 मई 2014 को 228 मिलियन यूरो की बैंक गारंटी कांग्रेस सरकार ने जब्त कर ली. इस तरह कांग्रेस ने 1620 करोड़ के भुगतान के अगेंस्ट 2020 करोड़ रुपए वसूल कर लिया और तीनों हेलिकॉप्टर भी जब्त कर लिए. 886 करोड़ 50 लाख रुपए के तीन हेलिकॉप्टर की कीमत जोड़कर कुल मिलाकर 2954 करोड़ रुपए जब्त किया. इस तरह सरकार ने लगभग दोगुना पैसा जमा करवा लिया.
15 फरवरी 2013 को अगस्ता वेस्टलैंड को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्यवाही यूपीए सरकार ने शुरू की थी जो 3 जुलाई 2014 को फाइनल हो गई और उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया.
मोदी सरकार के 4 रहस्यमय निर्णय
रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर पीएम मोदी 4 सवालों के जवाब दें.
1. जुलाई 2014 में पीएम मोदी और उनके रक्षामंत्री ने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड की ब्लैकलिस्टिंग खत्म करो. 22 अगस्त 2014 को मोदी सरकार ने अटॉर्नी जनरल से राय लेकर अगस्ता वेस्टलैंड की ब्लैकलिस्टिंग खत्म कर दी.
2. पीएम मोदी ने 3 मार्च 2015 को अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकेनिका को मेक इन इंडिया का हिस्सा बना दिया.
3. पीएम मोदी ने 8 अक्टूबर 2015 को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से इजाजत दिलवाकर रक्षा हेलिकॉप्टर AW-119 अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा हिंदुस्तान में बनाने की इजाजत दे दी. 2017 में मोदी ने इन्हीं कंपनी को 100 नैवल हेलिकॉप्टर की खरीद में हिस्सेदार बना लिया.
4. यही नहीं मोदी सरकार इन कंपनियों के खिलाफ सभी मुकदमे हारी और अपील भी दायर नहीं की. 8 जनवरी 2018 को इटली की एक अदालत ने 12 हेलिकॉप्टर बिक्री के मामले में अगस्ता के सीईओ और हेलिकॉप्टर यूनिट के प्रमुख दोनों को सभी आरोपों से बरी कर दिया. मोदी सरकार उस मामले में पार्टी बनी थी, आज तक कोई अपील नहीं की.
17 सितंबर 2018 को इटली के एक उच्च न्यायालय ने 322 पेज के विस्तृत निर्णय ने इस फैसले पर मोहर लगाई कि भारत का कोई अधिकारी किसी तरह की गड़बड़ी या रिश्वत मामले में संलिप्त नहीं था. इस मामले में भी मोदी सरकार ने कोई अपील दायर नहीं की.