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एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों का चमत्कार, 80 मिनट तक बंद रहीं दिल की धड़कनें, इस तकनीक से बचाई युवक की जान

भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में डॉक्टरों ने ECMO तकनीक का इस्तेमाल कर 80 मिनट तक बंद रहे दिल को दोबारा धड़कने पर मजबूर कर दिया. नयागढ़ के शुभकांत साहू की जान बचाने के इस प्रयास ने चिकित्सा जगत में नई उम्मीद जगाई हैं, अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
अजय कुमार नाथ
  • भुवनेश्वर,
  • 19 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने एक ऐसा चमत्कार किया है, जिसने चिकित्सा जगत में नई उम्मीद पैदा की है. नयागढ़ जिले के शुभकांत साहू को 1 अक्टूबर को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था. उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी और परिवार ने पूरी रात उन्हें बचाने के लिए कई अस्पतालों के चक्कर लगाए.

जानकारी के मुताबिक सुबह 7 बजे शुभकांत को एम्स भुवनेश्वर लाया गया. उनकी हालत बहुत नाजुक थी. इलाज के दौरान सुबह 10 बजे उनके दिल की धड़कन बंद हो गई. डॉक्टरों ने 40 मिनट तक CPR दिया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद डॉक्टरों ने ECMO तकनीक का सहारा लेना पड़ा. यह उपकरण अस्थायी रूप से दिल और फेफड़ों का काम करता है.

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भुवनेश्वर एम्स के डॉक्टरों ने किया चमत्कार 

ECMO पर डालने के 40 मिनट बाद शुभकांत की धड़कनें लौट आईं. उनका दिल 80 मिनट तक पूरी तरह रुका रहा था. इसके बाद उन्हें 30 घंटे ECMO और दो हफ्ते वेंटिलेटर पर रखा गया. धीरे-धीरे उनकी स्थिति में सुधार हुआ और अब वह सामान्य हैं.

डॉक्टरों के इस प्रयास ने ओडिशा और पूर्वी भारत में चिकित्सा जगत को नई प्रेरणा दी है. शुभकांत और उनके परिवार ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया. यह घटना न सिर्फ शुभकांत के लिए जीवनदान है, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि भी है.

80 मिनट तक दिल की धड़कने बंद हो चुकी थी

बता दें, 24 वर्षीय शुभकांत साहू को 1 अक्टूबर 2024 को एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया था. अस्पताल आने के कुछ ही समय बाद, मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ. डॉक्टरों के पास दो ही विकल्प थे, एक या तो मरीज को मृत घोषित कर दिया जाए और दुसरा मरीज को सीपीआर देकर उसे बचाने का प्रयास किया जाए. डॉक्टरों ने दुसरा विकल्प अपनाया और शुभकांत साहू नया जीवन मिला. 

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