Advertisement

ओवैसी बोले- US ने भारत को सीरिया के बराबर रखा, काम न आया पीएम का ट्रंप को गले लगाना

ओवैसी ने कहा है कि लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को गले लगाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम नहीं आया है, इसलिए धार्मिक स्वतंत्रता के पायदान पर अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम यानी कि USCIRF ने भारत को पाकिस्तान, उत्तरी कोरिया और सीरिया के बराबर रखा है.

AIMIM सांसद ओवैसी पुलिस अधिकारियों के साथ पीपीई किट बांटते हुए (फोटो- पीटीआई) AIMIM सांसद ओवैसी पुलिस अधिकारियों के साथ पीपीई किट बांटते हुए (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 10:57 PM IST

  • ओवैसी ने अमेरिकी रिपोर्ट का दिया हवाला
  • 'अमेरिका ने भारत को सीरिया के बराबर रखा'
  • 'PM द्वारा ट्रंप को गले लगाना काम न आया'

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी रिपोर्ट का हवाला देकर नरेंद्र मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला किया है.

ओवैसी ने कहा है कि लगता है अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को गले लगाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम नहीं आया है, इसलिए धार्मिक स्वतंत्रता के पायदान पर अमेरिकी संस्था यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने भारत को पाकिस्तान, उत्तरी कोरिया और सीरिया के बराबर रखा है.

Advertisement

अमेरिकी संस्था ने भारत के खिलाफ प्रतिबंध की वकालत की

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि USCIRF ने भारत के खिलाफ प्रतिबंध की सिफारिश की है. ओवैसी ने ट्वीट किया, " पीएमओ द्वारा नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम का आयोजन करने के बावजूद USCIRF की रिपोर्ट ने भारत को बर्मा, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और सीरिया के बराबरी में रखा है. USCIRF ने अन्य उपायों के अलावा भारत के खिलाफ प्रतिबंध की सिफारिश की है. साफ है कि गले लगाना कोई काम नहीं आया, हो सकता है कि अगली बार आप कुछ असल में डिप्लोमेसी दिखाएं."

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का हनन

USCIRF ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में सबसे ज्यादा और खतरनाक तरीके से धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किया गया.

ओवैसी ने अपने ट्वीट USCIRF की रिपोर्ट का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है. ओवैसी के मुताबिक अमेरिका की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि धार्मिक स्वतंत्रता के हनन के लिए जिम्मेदार भारत सरकार की एजेंसियों और अफसरों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. इनकी संपत्तियों को सीज किया जाए और अमेरिका में इनकी एंट्री रोकी जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement