
मिग-21 और मिग-27 एयरक्राफ्ट की भारतीय वायुसेना से विदाई हो गई है. शुक्रवार को राजस्थान के नाल स्थित वायुसेना स्टेशन से मिग-21 एयरक्राफ्ट ने अपनी आखिरी उड़ान भरी. इसके साथ ही वायुसेना ने मिग-21 एयरक्राफ्ट को अलविदा कह दिया.
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने खुद अंतिम बार मिग-21 एयरक्राफ्ट को उड़ाया और इसको अंतिम बार उड़ाने का गौरव भी उन्हीं खाते में आ गया. वायुसेना प्रमुख धनोआ 28 दिसंबर से तीन दिवसीय राजस्थान के दौरे पर हैं.
शुक्रवार को एक रक्षा प्रवक्ता ने बयान जारी कर बताया कि मिग-27 एमएल को भारत में बहादुर का नाम दिया गया था. इस विमान ने तीन दशक तक देश की उल्लेखनीय सेवा की. इसका रिकार्ड बहुत ही शानदार रहा है.
उन्होंने बताया कि रूस में बने इस विमान का इंजन सबसे शक्तिशाली इंजनों में से एक था. स्क्वाड्रन प्रमुख ग्रुप कैप्टन एसएल महाजन ने आखिरी एमएल विमान को अंतिम बार उड़ाने का गौरव हासिल किया.