
दिवाली के त्योहार के आस-पास ही ठंड शुरू होने लगती है और साथ ही में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लग जाता है. देश में रविवार को धूमधाम के साथ दिवाली मनाई गई लेकिन प्रदूषण का स्तर भी इस दौरान आसमान छू गया.
देश की राजधानी होने की वजह से दिल्ली का प्रदूषण स्तर सुर्खियों में छाया रहता है. इंडिया टुडे डाटा इंटेलिजेंस यूनिट ने अक्टूबर के महीने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स या AQI के आंकड़ों का आंकलन किया और पाया कि दिल्ली में दिवाली से काफी पहले ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो गया था. हालांकि AQI के स्तर दिवाली के दिन ही उच्च स्तर तक पहुंचे.
अक्टूबर का पहला हफ्ता AQI के हिसाब से काफी सही था. पहले हफ्ते में AQI 200 से नीचे ही रहा. अक्टूबर के दूसरे हफ्ते के अंत तक आते-आते प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो गया. इस समय AQI 200 से ऊपर जा पहुंचा यानी हवा की गुणवत्ता 'खराब' हो गई.
दिवाली से लगभग एक हफ्ते पहले AQI पहली बार 300 से ऊपर गया. 16 अक्टूबर को दिल्ली शहर का औसत AQI 312 था जो सीपीसीबी के मापदंडों के अनुसार 'बेहद खराब' है.
दिवाली वाले सप्ताह में गुरुवार और रविवार (जिस दिन दिवाली थी) AQI 300 से ऊपर रहा. दिवाली वाले दिन AQI 340 तक जा पहुंचा और उसके अगले दिन यानि सोमवार को यही AQI 368 दर्ज किया गया.
मुख्य कारक PM 2.5 में भारी गिरावट
PM 2.5 एक सूक्ष्म और खतरनाक प्रदूषक है. यदि इस प्रदूषक युक्त हवा में ज्यादा देर तक सांस ली जाए, तो कई बीमारियां हो सकती हैं. प्रति घंटे की औसत के आंकड़े बताते हैं कि पिछले चार सालों की तुलना में दिवाली पर PM 2.5 प्रदूषक में भारी गिरावट देखने को मिली है.
2016 के दिवाली पर इसका स्तर 958 था जो 2017 में गिरकर 497 हुआ और 2018 में 482 हुआ. 2019 की दिवाली पर PM 2.5 का प्रति घंटा औसत 289 ही रहा.
PM 2.5 का स्तर बेशक गिरा है, लेकिन अब भी यह वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन WHO की 25 की सीमा से कई गुना ज्यादा है.
शीर्ष 5 में पश्चिम यूपी के 4 शहर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निकले गए पिछले 24 घंटों के आंकड़े (27 अक्टूबर शाम 4 बजे से 28 अक्टूबर शाम 4 बजे तक) दर्शाते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद खराब रहा, लेकिन यह देश में सबसे ज्यादा नहीं था. यहां तक की दिल्ली प्रदूषित शहरों की सूची के टॉप 10 तक में भी शामिल नहीं था.
दिवाली पर देश के सबसे प्रदूषित पांच नगरों में 4 तो पश्चिमी उतर प्रदेश के ही थे. मुजफ्फरनगर भारत का एकमात्र ऐसा शहर था जिसका औसत AQI पिछले 24 घंटों में 400 के ऊपर रहा. 400 से ऊपर का AQI गंभीर और आपातकालीन स्थितियों में पहुंचता है.
मुजफ्फरनगर के अलावा मुरादाबाद (398), नोएडा (397), गाजियाबाद (396) और हरियाणा के कुरुक्षेत्र (392) इस लिस्ट में शामिल अन्य शहर हैं.
जालंधर (AQI 377) जहां आठवें स्थान पर आता है तो वहीं दिल्ली (AQI 368) के साथ 13वें स्थान पर आती है जहां हवा की गुणवत्ता अब भी 'बेहद खराब' है.