
दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण को लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के पीछे की राजनीति क्या हमारे साफ हवा में सांस लेने के अधिकार से ज्यादा अहम थी. कांग्रेस नेता का ट्वीट ऐसे समय पर आया है, जब दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक स्तर पर है.
दिल्ली के लोधी रोड पर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 500 दर्ज किया गया. कपिल सिब्बल ने ट्वीट में लिखा, 'क्या आर्टिकल 370 के पीछे की राजनीति हमारे साफ हवा में सांस लेने के अधिकार से ज्यादा जरूरी थी. हमारी सरकार को वायु प्रदूषण पर उसी तरह ध्यान देना चाहिए जैसे उसने आर्टिकल 370 के मामले में किया.'
दिवाली के बाद से ही दिल्ली-एनसीआर गैस चेंबर बने हुए हैं. हालांकि शनिवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में आसमान काफी हद तक साफ नजर आया. पीएम 2.5 के स्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन हवा में जहर मिला हुआ है. शुक्रवार को हवा का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ था. दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर तो वायु गुणवत्ता सूचकांक में पीएम 2.5 का स्तर 700 से भी ऊपर चला गया.
दिल्ली-NCR में हवा आज भी जहरीली, राजधानी में AQI 400 के पार
वहीं, शनिवार को नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 407 और ग्रेटर नोएडा में 392 पहुंच गया है. हवा इस हद तक जहरीली हो चुकी है कि अब लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. अस्पतालों में सांस के मरीजों की तादाद बढ़ रही है और आंखों में भी जलन महसूस हो रही है.
प्रदूषण पर SC सख्त, कहा- एयर प्यूरीफायर टॉवर का रोड मैप तैयार करे केंद्र सरकार
प्रदूषण के जानलेवा स्तर पर पहुंचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी में ऑड-ईवन लागू होने से वायु प्रदूषण पर असर नहीं पड़ा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने को लेकर रोड मैप तैयार करे. कोर्ट ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिवों को भी तलब किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पराली अब भी जलाई जा रही है. इसकी सैटलाइट तस्वीरें भी उपलब्ध हैं. सभी मुख्य सचिवों को 25 नवंबर तक हलफनामा दायर कर 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश होना है.