Advertisement

हवाई सफर हो सकता है महंगा, पैसेंजर सिक्योरिटी फीस बढ़ाने की तैयारी

सरकार पैसेेंजर सिक्योरिटी फीस बढ़ाने की तैयारी कर रही है जिससे हवाई यात्रा महंगी हो सकती है.

बढ़ सकता है किराया बढ़ सकता है किराया
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST

सरकार पैसेेंजर सिक्योरिटी फीस बढ़ाने की तैयारी कर रही है जिससे हवाई यात्रा महंगी हो सकती है. दरअसल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय लगातार काम कर रहा है. गृह मंत्रालय देश के सभी 98 एयरपोर्ट की सुरक्षा CISF को देने को लेकर कई बार सिविल एविएशन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और BCAS के अधिकारियों के साथ कर मीटिंग चुका है.

Advertisement

पिछले सोमवार को एक बार फिर गृह मंत्रालय में मीटिंग हुई, जिसमें कई मुद्दों यानी सुरक्षा को लेकर भी बैठक हुई. सूत्र ये बताते हैं कि सुरक्षा पर आने वाले खर्च को लेकर सरकार ये विचार कर रही है कि आने वाले एक दो महीनों में पैसेंजर सिक्योरिटी फीस बढ़ाकर (जो फिलहाल 130 रुपये है) उसे ज्यादा करके सुरक्षा में आने वाले खर्च की भरपाई की जाए.

ये रकम कितनी बढ़ेगी यह तय होगा CISF की तैनाती की संख्या के हिसाब से. सूत्र बताते हैं कि सिविल एविएशन मंत्रालय ने कहा है कि या तो कंसोलिडेटेड फंड से पैसा जाए या फिर यात्री सुरक्षा में फीस बढ़ाकर पैसा लिया जाए.

सिक्योरिटी खर्च का उलझा मसला
आपको बता दें कि रीजनल एयर कनेक्ट‍िविटी के लिए छोटे एयरपोर्ट पर भी फ्लाइट की आवाजाही बढ़ रही है और इन एयरपोर्ट पर यात्रियों के आवागमन के साथ-साथ हवाई जहाजों का संचालन शुरू होना है. यात्रियों के लिए यह एक अच्छी खबर हो सकती है . लेकिन इन एयरपोर्ट और बाकि तमाम एयरपोर्ट की सुरक्षा और उस पर बढ़ते हुए खर्चे को लेकर केन्द्र सरकार के कई मंत्रालय आमने-सामने है.

Advertisement

 

इस मामले में गृह मंत्रालय, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और फाइनेंस मिनिस्ट्री की 4 मीटिंग्स के बावजूद मामला सुलझ नहीं रहा है. दरअसल एविएशन मिनिस्ट्री की मांग है कि एयरपोर्ट की सुरक्षा का बढ़ता हुआ खर्च फाइनेंस मिनिस्ट्री उठाएं, क्योंकि ये खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है और नए एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद इस पूरे खर्चे की भरपाई फाइनेंस मिनिस्ट्री दे.

इसके चलते अब इस पूरे मामले में NSA अजीत डोभाल ने भी अपने हस्तक्षेप किया है और पूरे मामले को देख रहे हैं. साथ ही गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी कर चुके हैं. बता दें कि सिक्योरिटी उपलब्ध करने की सारी जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है और इसका खर्च एविएशन मिनिस्ट्री उठाती है.

इसमें सुरक्षा बलों की तैनाती से लेकर सुरक्षा उपकरणों की खरीद और रखरखाव भी शामिल है. इस मामले में 800 करोड़ रुपये के बकाये का मामला पहले ही उलझा हुआ है. अब गृह मंत्रालय, सिविल एविएशन मंत्रालय और वित्त मंत्रालय मिलकर यह पूरी तरीके से 2 से 3 महीने में तय करेंगे कि कंसॉलिडेटेड फंड बने, जिससे एयरपोर्ट की सुरक्षा में उससे पैसा जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement