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गणतंत्र दिवस: वायुसेना के शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मिला अशोक चक्र

भारतीय वायुसेना के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से नवाजा गया. गरुड़ कमांडो जेपी निराला तीन महीने पहले ही आतंकरोधी अभियान के तहत स्पेशल ड्यूटी पर कश्मीर के हाजिन में सेना के साथ तैनात हुए थे.

शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला
सुरभि गुप्ता/मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वायुसेना के शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को शांतिकाल के सबसे बड़े वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया. शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया.

पहली बार किसी गरुड़ कमांडो को मिला अशोक चक्र

भारतीय वायुसेना के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से नवाजा गया. गरुड़ कमांडो जेपी निराला तीन महीने पहले ही आतंकरोधी अभियान के तहत स्पेशल ड्यूटी पर कश्मीर के हाजिन में सेना के साथ तैनात हुए थे. श्रीनगर में इसी ऑपरेशन के दौरान सेना की तरफ से की गई कर्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के भतीजे तल्हा रशीद को मारा गया था.

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कमांडो निराला अपने माता पिता के एकलौते बेटे थे. परिवार में माता पिता के अलावा उनकी पत्नी सुषमा और 4 साल की बेटी जिज्ञासा हैं. उनकी पत्नी पत्नी सुषमा ने आज तक को बताया कि  वह हमेशा वीरता की बातें करते थे. उनकी 8 साल की सर्विस हुई थी. जुलाई 2017 में उन्हें कश्मीर जाने का मौका मिला.

पिता के पदचिन्हों पर आगे चलेगी शहीद गरुड़ कमांडो निराला की बेटी

उनकी पत्नी ने बताया कि वह मुझे कहते थे कि  मैं रहूं या ना रहूं तुम्हें आत्मनिर्भर बनना है. मेरे भरोसे नहीं रहना है. मैं देश की सेवा के लिए हूं, देश मेरा पहला कर्तव्य है. उनकी पत्नी ने बताया कि मेरी आखिरी बार उनसे 17 नवंबर 2017 को बात हुई थी.बेटी जिज्ञासा भी अपने पिता के पदचिन्हों पर आगे चलेगी जैसे मेरे पति ने देश का नाम रोशन किया है वैसे ही मेरी बेटी भी देश का नाम रोशन करेगी.

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शहीद निराला के पिता तेजनारायण ने बताया कि मेरा इकलौता बेटा था लेकिन आज मुझे गर्व है कि वह देश पर शहीद हुआ है. उसने अपना जीवन देश पर कुर्बान किया.

साल 2017 में तीन गरुड़ कमांडो शहीद

सुरक्षा बलों को जिले में हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में आतंकियों के होने की खुफिया जानकारी मिली थी. इसके बाद उन्होंने वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया. तलाशी अभियान के बीच तब मुठभेड़ शुरू हो गई, जब वहां छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों के तलाशी दल पर गोलीबारी की. आतंकियों से मुकाबला करने लिए जेपी निराला अपनी एके 47 राइफल से आतंकियों पर कहर बनकर टूट पड़े और तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया. इस मुठभेड़ में लश्कर के छह आतंकियों को मार गिराया गया. साल 2017 में आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन में तीन गरुड़ कमांडो शहीद हुए.

शहीद निराला की शहादत को सलाम

शहीद निराला बिहार के रोहतास के रहने वाले थे. वे साल 2005 में वायु सेना में शामिल हुए. जेपी निराला के परिवार में उनकी बहनें और माता-पिता हैं. मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित करके पूरे देश ने उनकी शहादत को सलाम किया है.

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