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सांसद की मांग- जहां से भगत सिंह ने फेंका था बम, वह सीट हो रिजर्व

अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में संसद का अवकाश घोषित करने की मांग की है.

अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:09 PM IST

स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की पुण्यतिथि पर अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने संसद में अवकाश घोषित करने की मांग की है. शुक्रवार यानी 23 मार्च को भगत सिंह की पुण्यतिथि है और इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.

महज 23 साल की उम्र में 23 मार्च, 1931को भगत सिंह फांसी पर झूल गए थे. इनके साथ सुखदेव और राजगुरू को भी लाहौर की सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी.

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अकाली दल के सांसद प्रेम सिंह ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को पत्र लिखकर शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में संसद का अवकाश घोषित करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने दर्शक दीर्घा की उन 2 सीटों को रिजर्व करने की मांग की है जिनपर चढ़कर 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर ने असेंबली में बम फेंका था.

सांसद ने पत्र में लिखा है कि ब्रिटिश शासन की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर ने सेंट्रल असेंबली में बम कांड किया था. सांसद ने कहा कि उस दौर में यह बहुत बड़ा साहसी कदम था. बता दें कि मौजूदा संसद को ही ब्रिटिश शासन में सेंट्रल असेंबली कहा जाता था.

प्रेम सिंह ने कहा कि अगर संसद की दर्शक दीर्घा में शहीदों के लिए 2 सीटें रिजर्व कर दी जाएं, यह न सिर्फ शहीदों को श्रद्धांजलि होगी बल्कि इससे हम अपने सेनानियों को संघर्ष को भी याद करते रहेंगे. उन्होंने लिखा कि जब भी उन सीटों पर लगे पोस्टर देखेंगे तो हमेशा गुलामी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ दोनों शहीदों के बलिदान को याद करेंगे. अकाली सांसद आज भी इस मुद्दे को सदन में उठाना चाह रहे थे लेकिन हंगामे की वजह से वह अपनी बात नहीं कर सके.

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भगत सिंह के जीवन पर शोध करने वाले जेएनयू से रिटायर्ड प्रोफेसर चमन लाल ने सांसद की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि काफी पहले से वह यह मांग करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा स्पीकर थे, तब भी मांग की गई थी कि जिन सीटों से भगत सिंह ने असेंबली में बम फेंके थे और जहां आकर बम गिरे थे, उन्हें रिजर्व किया जाए, ताकि लोग उनके बलिदान को याद करते रहें.

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