
दर्जनभर से ऊपर महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोपों के बाद अपनी कुर्सी गंवाने वाले एमजे अकबर के लिए सोमवार का दिन कुछ राहत भरा रहा. पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी सहकर्मी रही महिला पत्रकार जोइता बासु पेश हुईं और वर्षों एमजे अकबर के साथ काम करने के अपने अनुभवों को उनके पक्ष में गवाही के तौर पर कोर्ट के साथ साझा किया.
दरअसल जोयता बासु हाल ही में एमजे अकबर द्वारा कोर्ट में प्रिया रमानी के ऊपर किए गए मानहानि के केस में बतौर गवाह पेश हुई थी. पिछली सुनवाई पर एमजे अकबर खुद कोर्ट में पेश हुए थें और अपना बयान कोर्ट के सामने दर्ज कराया था. जबकि जोयता बासु, एमजे अकबर की तरफ से जो 6 गवाहों की सूची दी गई है उसमें सबसे पहली गवाह हैं, जिन्होंने कोर्ट के सामने एमजे अकबर का बचाव किया है.
गवाह के तौर पर पेश हुई महिला पत्रकार ने कोर्ट को बताया कि 1998 में उन्होंने एमजे अकबर के साथ काम करना शुरू किया और अलग-अलग पदों पर काम करते हुए हमेशा महसूस किया कि एमजे अकबर गंभीर प्रोफेशनल है और अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित है. उन्होंने कहा कि तकरीबन 20 साल साथ काम करने के दौरान उनका ऐसा कोई अनुभव नहीं रहा जिससे यह साबित हो कि एमजे अकबर पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई सच्चाई हो. ना ही साथ काम करने वाले सहकर्मियों से इस तरह की कोई शिकायत एमजे अकबर के बारे में सुनी.
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कोर्ट में दर्ज कराए गए अपने बयान में जोइता बसु ने प्रिया रमानी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके लगाए गए आरोप, समाज में एमजे अकबर की छवि को खराब करने की नीयत से लगाए गए हैं. प्रिया रमानी ने जिस तरह के गंभीर आरोप एमजे अकबर पर लगाए हैं उससे उनकी छवि को काफी धक्का लगा है. एमजे अकबर की तरफ से गवाह के तौर पर पेश हुई जोइता बासु ने अपनी गवाही से साबित करने की कोशिश की कि प्रिया रमानी के तमाम आरोप गलत है. कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई अब 7 दिसंबर को करेगा. एमजे अकबर की तरफ से मानहानि केस केस में 5 और गवाह भी कोर्ट के सामने पेश होने बाकी है.