
हैदराबाद की सियासत में मुस्लिम चेहरा माने जाने अकबरुद्दीन ओवैसी और हिंदुत्व का फेस बने राजा सिंह अपने विवादित बयानों को के चलते तेलंगाना से लेकर देश भर में अकसर चर्चा के केंद्र में रहते हैं. ये दोनों नेता अपने-अपने धर्म विशेष की राजनीति करते हैं, लेकिन कोरोना संकट की महामारी के दौरान दोनों अपने छवि के उलट लोगों के मदद करते नजर आए. राज सिंह मस्जिद में मुस्लिम समुदाय को राशन बांटते नजर आए तो छोटे ओवैसी हिंदू समुदाय की बस्तियों में राहत पहुंचाने का काम किया.
बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रयान गुट्टा सीट से विधायक हैं तो बीजेपी के राजा सिंह गोशामहल क्षेत्र से विधायक हैं, जो पुराने हैदराबाद इलाके में आता है. पुराना हैदराबाद अपनी बदहाली और गरीबी के लिए जाना जाता है. ऐसे में कोरोना वायरस से निपटन के चलते 22 मार्च को तेलंगाना में लॉकडाउन लगाया गया तो पुराने हैदराबाद इलाके में गरीब और मजदूरों के सामने खाने-पीने की किल्लत का संकट खड़ा हो गया था.
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विधायक राजा सिंह और अकबरुद्दीन ओवैसी जिन्हें एक दूसरे समुदाय खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए जाना जाता है, इस संकट की घड़ी में गरीब-मजदूर और जरूरतमंद के साथ वो खड़े होकर हिंदू और मुसलमानों के बीच शांति और सद्भाव का संदेश देते नजर आए.
राजा सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र के मंगलाघाट में मस्जिद का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने मस्जिद के मुअज्जिन और इमाम को भोजन का पैकेट वितरित किया. साथ ही मस्जिद के इमाम से मुस्लिम समुदाय सहित ऐसे लोगों की एक सूची बनाने का आग्रह किया, जिन्हें भोजन और राशन की जरूरत है. राजा सिंह ने बताया कि हम अपने विधानसभा की 6 मस्जिदों में हर रोज दो टाइम भोजन के पैकेट पहुंचाने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा अलग-अलग अल्पसंख्यक बस्तियों में भी जाकर हमने भोजन वितरित किया है.
राजा सिंह का दावा है कि 26 मार्च से वो हर रोज अपनी विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन हजार लोगों को दोनों टाइम भोजन वितरिक कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने घर के सामने नगर निगम के ग्राउड में भोजन बनाने और पैकिंग करने के लिए टेंट लगा रखा है और 50 कार्यकर्ताओं की एक टीम भी बना रखी है, जो लोगों के बीच भोजन पहुंचाने का काम करती है. साथ ही राजा सिंह ने दावा किया है आपातकाल सेवा के लिए अपनी तीन फोर व्हीलर गाड़ियां ड्राइवर के साथ लगा रखी है, जिसके जरिए लोगों को अस्पताल पहुंचने और लाने की सेवा की जा रही है.
अकबरुद्दीन ओवैसी अपने भोषणों और विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन कोरोना काल में गरीबों के हमदर्द बनकर उभरे हैं. अकबरुद्दीन की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने अपने चंद्रयान गुट्टा क्षेत्र में 80 हजार परिवारों तक राशन किट पहुंचाने का काम किया है. इसके अलावा अपने क्षेत्र से अलग 30 हजार लोगों को राशन किट देकर राहत पहुंचाने का काम किया है. अपने विधानसभा क्षेत्र के 5 हजार लोगों को 19 अप्रैल से लेकर अभी तक हर रोज भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए हैं, जिनमें हिंदू और मुस्लिम सभी समुदाय के लोग शामिल हैं. इसके अलावा अपने क्षेत्र के हॉटस्पाल इलाके में राशन के साथ-साथ सब्जियां भी पहुंचाने का काम किया है.
अकबरुद्दीन ओवैसी की ओर जरूरतमंद परिवारों को राहत सामग्री के तौर पर वितरित की जा रही राशन किट में चावल, दाल, इमली, खाद्य तेल और अन्य सामान शामिल हैं और पिछले दो दिनों से पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर ये सामान जरूरतमंद लोगों में बांट रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान कोई भी जरूरतमंद परिवार बगैर राशन के न रहे. छोटे ओवैसी हिंदू बस्तियों में भी जाकर राशन बांटते नजर आए हैं. उनका कहना है कि भूख का कोई धर्म नही होता और हम जरूरतमंद के दरवाजे तक राशन पहुंचाने के काम कर रहे हैं.
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अकबरुद्दीन ने अपने विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले 6 पुलिस स्टेशनों में 200 मास्क और 10 लीटर सैनिटाइजर पहुंचाने का का किया है. इसके अलावा सोशल मीडिया रिपोर्टर, पत्रकार और स्टींगर सहित करीब 350 लोगों को राशन किट के साथ-साथ 1 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी देना का दावा किया है. AIMIM की ओर से दावा किया गया है कि अकबरुद्दीन ओवैसी ने खुद हिंदू-मुस्लिम दोनों बस्तियों में लोगों के बीच जाकर राशन किट वितरित किया है.