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गुरुग्राम की अदालत में अलीबाबा के संस्थापक जैक मा को समन भेजने से जुड़े मामले में सुनवाई गुरुवार तक के लिए टल गई है. 20 जुलाई को एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर गुरुग्राम कोर्ट ने अली बाबा के संस्थापक जैक मा को 29 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. हालांकि, बुधवार को इस मामले में सुनवाई नहीं हो पाई.
इस मामले में बुधवार को सुनवाई न होने का कारण यह था कि पिछली बार रेगुलर बेंच के जज छुट्टी पर थे. लिहाजा इस मामले को लिंक कोर्ट में भेज दिया गया था. लिंक कोर्ट की सिविल जज सोनिया शिवखंड ने इस मामले में सुनवाई करते हुए समन जारी किया था. रोस्टर के हिसाब से बुधवार को उनकी कोर्ट नहीं बैठी और यह सुनवाई नहीं हो सकी.
ये मामला जज सोनिया शिवखंड को ही सुनवाई के लिए दे दिया गया है. गुरुवार को जज सोनिया शिवखंड की कोर्ट बैठगी, इसलिए इस मामले में सुनवाई भी 30 जुलाई को होगी. कोर्ट ने ये समन जैक मा के एक पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र परमार की उस अर्जी पर किया है, जिसमें कहा गया कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए फेक न्यूज़ दिखाती आ रही थी.
फेक न्यूज का विरोध करने पर नौकरी से निकाला
यूसी वेब नाम की कंपनी के गुरुग्राम दफ्तर में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर 2017 तक रहे पुष्पेंद्र सिंह परमार ने आरोप लगाया है कि जैक मा की कंपनी यूसी वेब भारत में फेक न्यूज फैला रही थी, जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उनको नौकरी से निकाल दिया गया.
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पुष्पेंद्र ने कुछ खबरों का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि साल 2017 में इस वेबसाइट ने खबर दिखाई कि आधी रात से 2000 रुपये के नोट भारत में बंद हो जाएंगे. इसी तरह एक बार वेबसाइट पर फेक खबर चलाई गई कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है. यूसी वेब और यूसी ब्राउजर जैक मा की ही कंपनी हैं.
दिल्ली-एनसीआर में यूसी वेब के खिलाफ 5 केस
आज तक से बातचीत में शिकायतकर्ता पुष्पेंद्र परमार ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग अदालतों में उन्होंने यूसी वेब के खिलाफ करीब 5 केस दायर किए हैं. पुष्पेंद्र ने गाजियाबाद कोर्ट से लेकर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट तक जैक मा की कंपनी के खिलाफ मुकदमे दायर किए हैं. ये सभी मामले आपराधिक हैं और अभी अदालतों में लंबित हैं.
हालांकि, पुष्पेंद्र ने गुरुग्राम कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर किया है. पुष्पेंद्र ने इस मामले में यूसी वेब से करीब 2 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है. पुष्पेंद्र ने बताया कि उन्हें बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया गया था, जिसके चलते वह आर्थिक और मानसिक रूप से एक साल तक परेशान रहे. इसी के चलते हैं, उन्होंने गुरुग्राम कोर्ट में ये मुकदमा दायर किया है.