Advertisement

मोदी सरकार का 'कश्मीर एक्शन', अलगाववादियों को घुटनों के बल लाने की तैयारी, दिल्ली में आज फिर बैठक

जम्मू-कश्मीर मसले को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से हरकत में आ गई है. मोदी सरकार कश्मीर में शांति बहाली को लेकर नया एक्शन प्लान को अंतिम रूप देने में जुटी है. इसी कड़ी में आज दिल्ली में सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक होने जा रही है.

राजनाथ सिंह राजनाथ सिंह
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:50 AM IST

जम्मू-कश्मीर मसले को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से हरकत में आ गई है. मोदी सरकार कश्मीर में शांति बहाली को लेकर नया एक्शन प्लान को अंतिम रूप देने में जुटी है. इसी कड़ी में आज दिल्ली में सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक होने जा रही है, जिसमें अलगाववादियों को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी.

आर्मी चीफ का घाटी दौरा
केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर की हिंसा भड़काने वाले अलगाववादियों की सुविधाएं बंद कर सकती हैं. इस बीच घाटी में अलगाववादियों ने 16 सितंबर तक शटडाउन का आह्वान किया है. वहीं हालात का जायजा लेने के लिए आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग जम्मू-कश्मीर दौरे पर जाएंगे. आर्मी चीफ कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. कश्मीर में पिछले 2 महीने से कर्फ्यू लगा है. कश्मीर पर पाकिस्तान ने एक बार फिर पुराना राग अलापा है, PAK आर्मी चीफ राहील शरीफ ने कहा कि कश्मीर की आजादी के लिए समर्थन जारी रहेगा.

Advertisement

महबूबा की दो टूक
वहीं इस बीच सीएम महबूबा मुफ्ती ने अलगाववादियों को लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए विदेश भेजते हैं और यहां के छात्रों के हाथों में किताब की जगह पत्थर थमाते हैं. हुर्रियत नेताओं को नसीहत देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब तहरीक तहजीब से आगे निकल जाए तो तहरीक नहीं रहती. इस बीच सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत फेल होने का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में विपक्ष ने महबूबा सरकार से अलगाववादियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

अलगाववादियों की सुविधा में कटौती
जम्मू कश्मीर की आजादी के नाम पर हिंसा को बढ़ावा देने वाले अलगाववादियों की सुविधाएं अब बंद हो सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार अलगाववादियों को दी जा रही सरकारी सुविधाओं पर रोक लगा सकती है. अलगाववादियों को मिलने वाली हवाई टिकट, कश्मीर से बाहर जाने पर होटल और गाड़‍ियों जैसी सुविधाएं वापस ली जा सकती है. अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिए जाने की मांग उठी है, लेकिन इस पर फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार को लेना है. फिलहाल अलगाववादियों की सिक्योरिटी में 900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं.

Advertisement

अलगाववादियों की सुरक्षा पर 5 साल में खर्च हुए 506 करोड़
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, पिछले पांच सालों में जम्मू कश्मीर सरकार ने अलगाववादियों की सिक्योरिटी पर 506 करोड़ रुपये खर्च किए. सरकार ने पांच सालों में इन लोगों को होटलों में ठहराने पर ही लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए. इन्हीं खर्चों को देखते हुए अलगाववादियों को दी जा रही सरकारी सुव‍िधाएं बंद किए जाने की मांग हो रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement