
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और उनके नायब राकेश अस्थाना को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है. राकेश पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. आरोपों में कहा गया है कि मीट कारोबारी मोईन कुरैशी को बचाने के लिए अस्थाना ने 3 करोड़ रुपए की रिश्वत ली. हालांकि अस्थाना ने आलोक वर्मा पर पलटवार करते हुए उन पर 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया. यह मामला भी मोईन कुरैशी से जुड़ा है.
सीवीसी से की थी शिकायत
आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब दोनों की कुर्सी चली गई है, लेकिन घटनाक्रम पिछले कई महीनों से गंभीर बना हुआ था, जब दोनों अधिकारी एक दूसरे को घेरने की कोशिश में लगे हुए थे. मामले की शुरुआत साल 2016 के अक्टूबर महीने से हुई जब सीबीआई ने राकेश अस्थाना को विशेष निदेशक का पद नवाजा. आलोक वर्मा तब खुलकर इसके विरोध में उतर आए और उन्होंने गुजरात की स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी के भ्रष्टाचार मामले में अस्थाना को शामिल बताया. वर्मा ने अपनी बात पुष्ट करने के लिए सीबीआई की सेलेक्शन कमेटी के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की जिसमें कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. उनमें एक नाम अस्थाना का भी था. हालांकि मुख्य सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी ने वर्मा के आरोपों को दरकिनार करते हुए अस्थाना के नाम को हरी झंडी दी और कहा कि सेलेक्शन कमेटी का यह निर्णय मान्य होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था मामला
अस्थाना की पदोन्नति का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी. बाद में खींचतान का मामला और तेज होता गया और आलोक वर्मा व राकेश अस्थाना में दूरियां बढ़ती गईं. वर्मा ने इस साल जुलाई में सीवीसी को पत्र लिखकर कहा कि अस्थाना उनकी गैरहाजिरी में उनका चार्ज नहीं ले सकते. वर्मा ने यह भी कहा था कि अधिकारियों की नियुक्ति में अस्थाना की सलाह लेने की कोई जरूरत नहीं है.
वर्मा के खिलाफ अस्थाना की शिकायत
एक तरफ आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना पर आरोप लगाया है, तो दूसरी ओर अस्थाना भी वर्मा को घेरते रहे हैं. अस्थाना ने सीवीसी को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि वर्मा कई संवेदनशील जांच में अड़ंगा डाल रहे हैं. उन मामलों में एक लालू यादव से जुड़ा आईआरसीटीसी मामला भी है. अस्थाना के इस आरोप पर सीवीसी ने सीबीसी से फाइलें मंगाई थीं, हालांकि बाद में अस्थाना के आरोपों को दरकिनार कर दिया था.
गौरतलब है कि एजेंसी ने अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी. कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना कर रहा है. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया.