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अमरनाथ हमले का PAK कनेक्शन, मोदी के इजरायल दौरे का था बदला!

रहमान मक्की ने अपने नफरत भरे बोल भारत को तोड़ने तक की बात कही थी. इतना ही नहीं उसने अपने संदेश में ये भी कहा था मोदी के इजरायल दौरे का बदला लेना है.

अब्दुल रहमान मक्की अब्दुल रहमान मक्की
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:51 AM IST

अमरनाथ यात्रियों पर हमले को लेकर पाकिस्तान ने खामोशी अख्तिरयार की हुई है. आतंकी संगठन लश्कर-ए तैयबा ने भी अब तक हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. मगर हमले की साज़िश के तार पाकिस्तान से पुख्ता तौर पर जुड़े दिख रहे हैं.

दरअसल, एक हफ्ता पहले ही पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका हाफिज़ सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की ने एक धमकी दी थी. पाकिस्तान के बहावलपुर से रहमान मक्की ने आतंकी बुरहान वानी की बरसी मनाने और इस दौरान भारत में आतंकी हमले की चेतावनी दी थी. मक्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल दौरे का भी अपने बयान में जिक्र किया था.

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'मोदी को इजरायल दौरे की सजा'

रहमान मक्की ने अपने नफरत भरे बोल भारत को तोड़ने तक की बात कही थी. इतना ही नहीं उसने अपने संदेश में ये भी कहा था मोदी के इजरायल दौरे का बदला लेना है.

दरअसल, भारत की आजादी के बाद देश के किसी प्रधानमंत्री ने इजरायल का दौरा किया है. पीएम मोदी के इजरायल दौरे को पाकिस्तान बहुत ही पैनी नजर से वॉच कर रहा था. पाकिस्तानी मीडिया भी लगातार मोदी के दौरे को लेकर खबरें चला रही थीं. वहां की मीडिया में इजरायल से मजबूत होते भारत के रिश्तों पर चिंता जाहिर की थी.

भारत और इजरायल के बीच रक्षा सौदों को लेकर पाकिस्तान में विमर्श देखने को मिला है. कुछ विशेषज्ञों ने यहां तक कहा कि भारत-इजरायल के बीज बढ़ता रक्षा सहयोग दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामरिक संतुलन बिगाड़ेगा.

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दरअसल, सवाल सिर्फ इतना ही नहीं, पाकिस्तान की चिंता इससे आगे की है. भारत लगातार अपने लड़ाकू हथियारों में इजाफा कर रहा है. कश्मीर में भारतीय सेना और सुरक्षाबल आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं. ऐसे में सीमा पर भारत से मुंहतोड़ जवाब मिलने से पाकिस्तान बौखलाया है. बल्कि पाकिस्तानी आर्मी के पाले गए आतंकियों के आका भी भारत की बढ़ती ताकत से चिंतित हैं.

इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि पीएम मोदी और इजरायल के बीच बढ़ रही दोस्ती से हताश आतंक के आकाओं ने अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाया. वहीं रहमान मक्की का नफरत भरा बयान इसलिए भी ज्यादा मायने रखता है क्योंकि हाफिज़ सईद की नज़रबंदी के बाद से रहमान मक्की ही लश्कर-ए तैयबा और जमात-उद दावा की आतंकवादी गतिविधियों को देख रहा है.

 

 

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