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सेना की हिटलिस्ट में शामिल आतंकी बोला- अमरनाथ यात्रा पर नहीं करेंगे हमला

ऑडियो में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को तब तक डरने की जरूरत नहीं है जब तक वह कश्मीर केवल अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने आ रहे हैं.

हिज्बुल का आतंकी रियाज नाइकू (File) हिज्बुल का आतंकी रियाज नाइकू (File)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए पहला जत्था आज रवाना हो गया है. अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले के खतरे को देखते हुए सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं. लेकिन इससे पहले ही हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वह अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं पर हमला नहीं करेंगे.

हिज्बुल मुजाहिद्दीन की ओर से कथित तौर पर जारी किया गया एक ऑडियो सामने आया है जिसमें उसने अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को उनकी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है. ऑडियो में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को तब तक डरने की जरूरत नहीं है जब तक वह कश्मीर केवल अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने आ रहे हैं.

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ऑडियो में सुनाई दे रही आवाज आतंकवादी समूह के कमांडर रियाज नाइकू की बताई जा रही है. हालांकि इस ऑडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो सकी है. वाट्सएप पर प्रसारित हुई 15 मिनट की इस क्लिप के साथ नाइकू की तस्वीर है.

हिटलिस्ट में है रियाज नाइकू

आपको बता दें कि सेना ने जो 21 टॉप आतंकियों की लिस्ट बनाई है, उसमें रियाज नाइकू का भी नाम है. हिज्बुल मुजाहिदीन का रियाज अहमद नायकू भी ए डबल प्लस श्रेणी का आतंकी है.

सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के 11, लश्कर ए तैयबा के सात और जैश-ए-मोहम्मद के दो, आईएस की भारतीय शाखा अंसार गजवातुल हिंद के एक आतंकी शामिल हैं. सेना को ए++ श्रेणी के आतंकियों को खासकर निशाना बनाने को कहा गया है.

रवाना हो चुका है पहला जत्था

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अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे में बुधवार की सुबह जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ. यात्रियों का ये पहला जत्था कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम से रवाना हुआ है. इस जत्थे में कुल 1904 श्रद्धालु हैं, जिनमें 1554 पुरुष, 320 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं.

ये यात्री दिन में कश्मीर के गांदेरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवान, पहलगाम आधार शिविर पहुंचेंगे. जिसके बाद ये तीर्थयात्री अगले दिन पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होंगे. इससे तीर्थयात्रा की शुरुआत हो जाएगी. यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन भी है.

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