
केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि तीन तलाक के विरोध के पीछे तुष्टीकरण की राजनीति है. शाह ने कहा कि तीन तलाक किसी में हटाने की हिम्मत नहीं थी. यह ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए पीएम मोदी का नाम इतिहास के समाज सुधारकों में लिखा जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि तीन तलाक एक कुप्रथा थी, इसमें कोई संदेह नहीं है. उन्होंने कहा, हमें इस कुप्रथा को खत्म करने में 56 साल लग गए, इसका कारण कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति है. तीन तलाक पर कानून बनने से मुस्लिम महिलाओं को हक मिला है.
अमित शाह ने कहा, दुहाई दी जाती है कि तीन तलाक मुस्लिम शरीयत का अंग है, हमारे धर्म के रीति-रिवाजों में दखल न दिया जाए. जबकि बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मोरक्को, इंडोनेशिया, श्रीलंका, जॉर्डन समेत 19 देश ऐसे हैं जिन्होंने 1922-1963 तक तीन तलाक खत्म कर दिया. अगर यह इस्लाम के खिलाफ होता तो ये देश गैर इस्लामिक काम क्यों करते.
मोदी सरकार ने लिए 25 ऐतिहासिक निर्णय
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने साढ़े पांच साल के अपने कार्यकाल के अंदर 25 से ज्यादा ऐतिहासिक निर्णय लेकर देश की दिशा बदलने का काम किया है. यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का कमाल है. ट्रिपल तलाक को खत्म करना केवल और केवल मुस्लिम समाज के फायदे के लिए है. ट्रिपल तलाक की प्रताड़ना 50 फीसदी मुस्लिम आबादी यानी माताओं, बहनों को झेलनी पड़ती है.
शाह ने कहा, ' आज अगर यह बिल हम लेकर नहीं आते तो यह दुनिया के सामने भारत के लोकतंत्र के लिए एक बड़ा धब्बा होता. इसके लिए मुस्लिम महिलाओं ने काफी लड़ाई लड़ी. शाहबानो को ट्रिपल तलाक दिया गया तो वे अपनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गईं.'
गृह मंत्री ने कहा, 'जो राजनीति 60 के दशक के बाद कांग्रेस ने शुरू की और बाकी दलों ने भी उसका अनुसरण किया, उसका असर देश के लोकतंत्र, समाजिक जीवन और गरीबों के उत्थान पर पड़ा है. जो अभाव में जी रहा है, जो गरीब-पिछड़ा है, वो किसी भी धर्म का हो. विकास के दौर में जो पिछड़ गया है, उसे ऊपर उठाओ, अपने आप समाज सर्वस्पर्शी-सर्वसमावेशी मार्ग पर आगे बढ़ जाएगा.'
उन्होंने कहा कि बिना तुष्टीकरण यह सरकार समविकास, सर्वस्पर्शी विकास, सर्वसमावेशी विकास के आधार पर पांच साल चली. इसी थ्योरी पर 2019 में ठप्पा लगाकर इस देश की जनता ने तुष्टीकरण से देश को हमेशा के लिए मुक्त करने के लिए दोबारा बहुमत दिया है.
उन्होंने कहा, 'मूल आघात करने की जरूरत तुष्टीकरण की राजनीति पर है. 2014 में इस देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर तुष्टीकरण की राजनीति के अंत की शुरुआत कर दी.'
छोटी-छोटी बात पर तलाक
अमित शाह ने कहा, 'हाल यह था कि लोग महिलाओं को मोटी कहकर भी तीन तलाक़ दे देते थे. इस क़ानून से हिंदू, सिख और ईसाई को नहीं सिर्फ मुस्लिमों को ही लाभ होने वाला. हमने तो विरोध करने वाले सांसदों से मीडिया के सामने बहस करने के लिए भी कह दिया था.'
कानून में उपयुक्त राहत
उन्होंने कहा कि क़ानून के मुताबिक़ आरोपी को तब तक ज़मानत नहीं मिलेगी, जब तक कोर्ट महिला का पक्ष सुन नहीं लेती. एक एनजीओ के सर्वे में कहा गया था कि 92 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक़ से मुक्ति चाहती हैं. लोग कहते हैं कि कानून बना देने से क्या तीन तलाक़ रुक जाएगा? मैं कहता हूं क्या चोरी रोकने का क़ानून बना देने से ही चोरी बंद हो जाती है? यह क़ानून शिक्षणात्मक बनाया गया है, ताकि लोगों में भय पैदा हो.
उन्होंने कहा, 'मूल आघात करने की जरूरत तुष्टीकरण की राजनीति पर है. 2014 में इस देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को पूर्ण बहुमत देकर तुष्टीकरण की राजनीति के अंत की शुरुआत कर दी. जिनके मन में न मेहनत का भाव है और न ही संवेदना है, वे लोग तुष्टीकरण जैसे शॉर्टकट को अपनाते हैं और वोटबैंक की राजनीति करते हैं.
गौरतलब है मोदी सरकार ने संसद में तीन तलाक को खत्म करने वाला बिल पारित कराया है. तीन तलाक बिल राज्यसभा में पारित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उनका यह कदम भारत के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा था, 'यह पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है. सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है. इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं.'