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नरोदा केस में अमित शाह ने दी गवाही- हिंसा के दिन विधानसभा में मौजूद थीं माया कोडनानी

इस मामले में दोषी करार दी गई इलाके की पूर्व विधायक और तत्कालीन मोदी सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी की अपील पर कोर्ट ने अमित शाह को समन जारी किया था.

माया कोडनानी और अमित शाह माया कोडनानी और अमित शाह
गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 17 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST

गुजरात में साल 2002 में हुए नरोदा गाम दंगों के मामले में गवाही के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सोमवार को अहमदाबाद की एसआईटी कोर्ट पहुंचे. शाह ने यहां कोर्ट को बताया कि हिंसा वाले दिन माया कोडनानी विधानसभा में मौजूद थीं.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, मैं 28 फरवरी को सुबह 7:15 बजे अपने घर से विधानसभा के लिए निकला था. सदन की कार्यवाही सुबह 8:30 बजे शुरू होनी थी. वहां अध्यक्ष के साथ विधानसभा के सभी सदस्य सदन में मौजूद थे. उन्होंने बताया कि गोधरा ट्रेन कांड में मारे गए लोगों को सदन में उस दिन श्रद्धांजलि दी गई थी.

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इस पर सरकारी वकील सुरेश शाह ने बीजेपी अध्यक्ष से पूछा कि क्या माया कोडनानी भी विधानसभा में थी, तो शाह ने बताया- हां, माया कोडनानी विधानसभा में हाजिर थीं. 

पढ़िए SIT कोर्ट में हुए पूरे सवाल-जवाब

सरकारी वकील ने फिर शाह से पूछा कि आप सोला सिविल अस्पताल क्यों गए थे? इस पर शाह ने बताया, 'मेरे पास कई फोन कॉल आए थे, जिस कारण मैं विधानसभा से तुरंत अस्पताल के लिए निकल गया और सुबह साढ़े नौ से पौने दस बजे के बीच वहां पहुंचा'. इस पर सरकारी वकील ने अमित शाह से पूछा कि इसके बाद आप कहा गए, तो उन्होंने बताया कि वह पोस्टमॉर्टम हाउस गए थे. शाह ने कहा, 'वहां डेड बॉडी कि शिनाख्त हो रही थी, इसलिए मैं वहां पहुंचा और फिर उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से मिला था.

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सरकारी वकील ने फिर सवाल किया कि वहां कितने लोग मौजूद थे? इस पर शाह ने बताया कि माया कोडनानी भी वहां मिली थी और वहां मौजूद लोगों में काफी आक्रोश था. इसके साथ ही उन्होंने बताया, बाहर लोगों की बड़ी भीड़ थी, इसलिए पुलिस मुझे कॉर्डनऑफ (घेराबंदी) कर अपने साथ ले गई थी. वकील ने जब पूछा कि तब क्या समय हो रहा था, इस पर बीजेपी अध्यक्ष ने  11 से 11.15 सुबह बज रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी अदालत से यह सुनवाई चार महीने में पूरा करने के कहा था. नरोदा गाम नरसंहार 2002 के नौ बड़े सांप्रदायिक दंगा मामलों में एक है, में 11 मुस्लिमों की हत्या हुई थी. इस मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की और कोडनानी को मुख्य आरोपी के अलावा कुल 82 लोगों को अभियुक्त बनाया.

बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान से माया कोडनानी का पक्ष मजबूत हुआ है, क्योंकि कोडनानी ने भी सजा के खिलाफ अपनी अपील में कहा था कि जिस वक्त नरोदा गाम में दंगे हो रहे थे, वह अमित शाह के साथ अहमदाबाद की सोला सिविल अस्पताल में मौजूद थीं. कोडनानी की अपील पर कोर्ट ने अमित शाह को बतौर गवाह बयान देने के लिए समन जारी किया था.

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बता दें कि नरोदा पाटिया दंगों में 97 लोगों के नरसंहार के जुर्म में इलाके की विधायक और पूर्व मंत्री माया कोडनानी को कोर्ट पहले ही 28 साल जेल की सजा सुना चुका है. हालांकि कोडनानी खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जमानत पर बाहर हैं.

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